बिजनौर: बदलते परिदृश्य के साथ जैविक खेती को देश के कई राज्य में बढ़ावा मिल रहा है और इसमें उत्तर प्रदेश भी बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रहा है।
बिजनौर में गन्ना विभाग किसानों को रासायनिक की जगह जैविक कीटनाशक का प्रयोग करने को प्रेरित कर रहा है। गन्ना विभाग दावा कर रहा है की, इससे गन्ना उत्पादन में ज्यादा खर्च भी बही होता और उत्पादन भी प्राप्त होगा। इससे किसानों की आय में बढ़ोतरी होगी।
अमर उजाला में प्रकाशित खबर के अनुसार, बिजनौर जनपद की गन्ना मुख्य फसल है, और गन्ना विभाग किसानों को रासायनिक की जगह जैविक उत्पाद का गन्ना फसल में प्रयोग करने को प्रेरित कर रहा है। गन्ना सर्वे में लगे कर्मचारी खेत पर ही किसानों को जैविक उर्वरक, कीटनाशक का गन्ना फसल में प्रयोग करने के बारे में बता रहे हैं। जिला गन्ना अधिकारी यशपाल सिंह ने कहा कि, जैव उत्पाद एक तरफ जमीन को रसायनों के दुष्प्रभाव से बचाएगा, और खेती की लागत में भी कमी आ जाएगी। किसान गन्ना खेती में रसायनों की जगह जैव उत्पाद जैसे ट्राइकोडर्मा, बावेरिया बेसियाना तथा ट्राइकोकार्ड आदि जैव पेस्टीसाइड का प्रयोग करें।