पुणे : स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा कि, फैक्ट्रियों को अपने खर्चों में बचत करने की जरूरत है, जिससे फैक्ट्रियों का मुनाफा बढ़ने में मदद होगी। राज्य में गन्ने का रकबा बढ़ने के चलते मजदूरों से कटाई करने में दिक्कते आ रही है, और इसलिए समय पर पेराई करने के लिए मिलों को बड़े पैमाने पर गन्ना हार्वेस्टर की जरूरत है। गर्मी के मौसम के अंतिम चरण में पुराने मजदूरों की भारी कमी महसूस होती है। ऐसे में गन्ने को तोड़ने के लिए हार्वेस्टर की जरूरत होती है। सरकार गन्ना हार्वेस्टर के लिए फैक्ट्रियों को सब्सिडी देने पर विचार कर रही है।
उन्होंने कहा, मिलों को चीनी की गुणवत्ता में सुधार करने की भी जरूरत है। निजी मिलें गुणवत्ता के बारे में अधिक जागरूक हैं। सहकारी चीनी मिलों को भी चीनी की गुणवत्ता बढ़ाने की कोशिश करनी चाहिए, ताकि चीनी की बिक्री पर प्रीमियम प्राइस मिल सके। चीनी मिलों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डेटा एनालिटिक्स, मशीन लर्निंग जैसी तकनीकों का इस्तेमाल करने की आवश्यकता पर भी टोपे ने जोर दिया।
वसंतदादा चीनी संस्थान (पुणे), चीनी आयुक्तालय, महाराष्ट्र राज्य सहकारी साखर कारखाना संघ, वेस्ट इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (विस्मा) आदि के सहयोग राज्यस्तरीय चीनी सम्मेलन का आयोजन किया गया था।इस सम्मेलन में स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे अपने विचार व्यक्त किए। इस राज्य स्तरीय चीनी सम्मेलन का मीडिया पार्टनर और ‘ई बाय शुगर’ स्ट्रीमिंग पार्टनर था।