इस्लामाबाद : मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सिंध उच्च न्यायालय (SHC) ने Pakistan Sugar Mills Association (PSMA) और 26 अन्य चीनी मिलों को चीनी कार्टेलाइजेशन मामले (Sugar cartelisation case) में Competition Commission of Pakistan (CCP) द्वारा लगाए गए संबंधित दंड का 50 प्रतिशत जमा करने का निर्देश दिया है। 2021 में, CCP ने PSMA और उसके सदस्यों के खिलाफ प्रतिस्पर्धा अधिनियम, 2010 की धारा 4 के प्रथम दृष्टया उल्लंघन के लिए एक जांच की। जांच के हिस्से के रूप में, CCP ने PSMA और एक के दो परिसरों में तलाशी और निरीक्षण भी किया। जांच रिपोर्ट ने निष्कर्ष निकाला कि PSMA और उसके सदस्यों ने अधिनियम की धारा 4(1), 4(2) और 4(2)(सी) का उल्लंघन किया है, जिसके बाद कारण बताओ नोटिस जारी किया गया और मामले में व्यापक सुनवाई हुई।
कार्टेलाइजेशन मामले में आयोग की एक पूर्ण चार सदस्यीय पीठ का गठन किया गया था, जिसमें राहत कौनैन हसन (अध्यक्ष) और तीन सदस्य शाइस्ता बानो, बुशरा नाज़ मलिक और मुजतबा अहमद लोधी शामिल थे। आयोग द्वारा लगाया गया लगभग 44 बिलियन रुपये (लगभग 265 मिलियन डॉलर से अधिक) जुर्माना अब तक का सबसे अधिक है। इससे चीनी उद्योग में हडकंप मच गया था। CCP के फैसले के बाद, सिंध उच्च न्यायालय में विभिन्न चीनी मिलों और PSMA द्वारा फैसले के खिलाफ चार मुकदमे दायर किए गए थे। PSMA और अन्य चीनी मिलों ने भी उपर्युक्त निर्णय को लागू करने से प्रतिस्पर्धा आयोग को रोकने के लिए अंतरिम निषेधाज्ञा के लिए आवेदन दायर किए। हालांकि, सिंध उच्च न्यायालय ने प्रतिस्पर्धा आयोग के अनुरोध को भी स्वीकार कर लिया कि अंतरिम राहत केवल इस शर्त पर दी जाएगी कि पार्टियों को प्रतिस्पर्धा आयोग द्वारा उन पर लगाए गए संबंधित दंड का 50 प्रतिशत सिंध उच्च न्यायालय के पास जमा करना होगा।