पुणे : महाराष्ट्र सरकार ने Sugar (Control) Order, 1966 के प्रावधानों के तहत गुड़ उत्पादन इकाइयों को लाने की कोशिश शुरू की है। राज्य सरकार इस सीजन में रिकॉर्ड गन्ने की खेती और चीनी उत्पादन के बाद गुड़ का उत्पादन करने वाले गन्ने के लिए उचित और लाभकारी मूल्य (FRP) पर विचार कर रही है। महाराष्ट्र में इस सीजन में मिलों ने 13.728 मिलियन टन चीनी का उत्पादन करने के लिए 1,32.031 मिलियन टन गन्ने की पेराई की है।
विशेषज्ञों के अनुमान के मुताबिक, अगले सीजन में भी गन्ने का रिकॉर्ड उत्पादन होने का अनुमान है, जो इस साल अक्टूबर से शुरू होगी।
द हिन्दू बिजनेस लाइन में प्रकाशित खबर के मुताबिक, राज्य सहकारिता विभाग ने चीनी आयुक्त के अधीन समिति को गुड़ उत्पादन इकाइयों को Sugar (Control) Order, 1966 के प्रावधानों के तहत लाने पर विचार करने के लिए कहा है। समिति खांडसारी उद्योगों के लिए मंजूरी और लाइसेंस पर भी सिफारिशें करेगी। समिति गुड़ गन्ने के लिए एफआरपी के साथ-साथ खांडसारी और गुड़ के संबंध में Sugar (Control) Order, 1966 के प्रावधानों और खांडसारी लाइसेंस आदेश में संशोधन का भी अध्ययन करेगी।
राज्य के अधिकारियों का कहना है कि, सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि जो गन्ना किसान अपनी उपज गुड़ इकाइयों को बेचते हैं, उन्हें एक निश्चित मूल्य मिले। अभी तक, गुड़ उद्योग के पास गन्ने के भुगतान के लिए कोई निश्चित नियम नहीं है।