दक्षिण अफ्रीका का चीनी उद्योग समस्याओं से घिरा…

केप टाऊन: उत्पादन, निर्यात और रोजगार के सृजन के संदर्भ में मापा जाने पर दक्षिण अफ्रीका का कृषि क्षेत्र सामान्य रूप से सकारात्मक वृद्धि प्रदर्शित करता है। 2020 में, इस क्षेत्र में साल-दर-साल 13,4% की वृद्धि हुई, और 2021 के पूर्वानुमान भी काफी अच्छे है।कोरोना महामारी की के बाद से प्राथमिक कृषि रोजगार अपेक्षाकृत स्थिर रहा है, जिसमें 2021 की चौथी तिमाही में 868000 लोग कार्यरत हैं, और 2021 में निर्यात भी 12.4 बिलियन अमरिकी डॉलर के रिकॉर्ड स्तर तक पहुंच गई है। इस सकारात्मक तस्वीर के बावजूद चीनी उद्योग को कठिनाइयों का सामना करना पड रहा है।

स्वास्थ्य संवर्धन लेवी (शुगर टैक्स) का उद्देश्य मधुमेह और मोटापे के बढ़ते स्तर को कम करना है। चीनी उद्योग यकीनन दक्षिण अफ्रीका में सबसे बडे उद्योगों मे से एक है, लेकिन इस उद्योग को लगाया गया शुगर टैक्स घरेलू और विश्व स्तर पर सबसे भारी करों में से एक है। दक्षिण अफ्रीकी चीनी उद्योग वैश्विक चीनी बाजार की प्रतिस्पर्धा में झुलस रहा है। स्थानीय चुनौतियों नें भीं चिंता खडी की है। अन्य चीनी निर्यातकों की तुलना में उच्च उत्पादन लागत, बिगड़ते बुनियादी ढांचे, चीनी डंपिंग और लेवी जैसे कारकों ने चीनी उद्योग पर नकारात्मक प्रभाव डाला है। साउथ अफ्रीकन शुगर एसोसिएशन के आंकड़ों के अनुसार, 2005 06 और 2018 19 के उत्पादन सीजन के बीच घरेलू चीनी उत्पादन में कम से कम 12.7% की गिरावट आई है। कम घरेलू उत्पादन, बढ़ती उत्पादन लागत और सस्ते चीनी आयात जैसे मुद्दों के कारण उत्पादन में धीरे-धीरे गिरावट आ रही है।

 

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