उत्तर प्रदेश के GSDP में एथेनॉल उत्पादन से लगभग 2,221 करोड़ रुपये का योगदान होगा: मंत्री

लखनऊ : आबकारी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नितिन अग्रवाल ने कहा कि, उत्तर प्रदेश एथेनॉल उत्पादन के लिए एक प्रमुख हब के रूप में उभरा है और एथेनॉल सम्मिश्रण कार्यक्रम के तहत वर्तमान में राज्य समेत देश के अन्य राज्यों के तेल डिपो को एथेनॉल की आपूर्ति कर रहा है। लोक भवन में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए मंत्री अग्रवाल ने कहा, पिछले साल 115 करोड़ लीटर एथेनॉल का उत्पादन किया गया था। इस वर्ष एथेनॉल उत्पादन का वार्षिक लक्ष्य 140 करोड़ लीटर है। उन्होंने कहा, राज्य में 100 दिनों में 45 करोड़ लीटर एथेनॉल का उत्पादन किया जाना था, जिसके मुकाबले 45.17 करोड़ लीटर एथेनॉल का उत्पादन किया गया। इस प्रकार 100.4 प्रतिशत लक्ष्य को पूरा किया गया है। उन्होंने कहा कि,एथेनॉल सम्मिश्रण कार्यक्रम की सफलता से विदेशी मुद्रा की बचत होगी। एथेनॉल का सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) में करीब 2,221.45 करोड़ रुपये का योगदान होगा ।

मंत्री अग्रवाल ने कहा कि, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशन और प्रभावी मार्गदर्शन में आबकारी विभाग क्रियान्वयन के लिए निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए कटिबद्ध है।उन्होंने कहा कि, आबकारी विभाग की ओर से 100 दिन की कार्ययोजना तैयार की गई है, जिसके तहत तीन नई डिस्टिलरी लगाने का लक्ष्य रखा गया है।उन्होंने कहा, इन तीन इकाइयों में रेडिको खेतान लिमिटेड सीतापुर, करीमगंज बायोफ्यूल मुरादाबाद और क्रिस्टल बालाजी मुजफ्फरनगर को डिस्टिलरी स्थापित करने की अनुमति दी गई है।अग्रवाल ने कहा कि, इन डिस्टिलरीज की स्थापना से 793.37 करोड़ रुपये का निवेश होगा और लगभग 3,600 नए रोजगार के अवसर पैदा होंगे।

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