इस्लामपुर : आर.आई.टी कॉलेज (RIT college) के ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग विभाग के अंतिम वर्ष में पढ़ रहे सौरभ भोसले, आकाश कदम, निखिल तिपायले, आकाश गायकवाड़ और ओंकार मिरजकर ने सारथी नामक परियोजना के तहत गन्ना बैलगाड़ी के लिए रोलिंग सपोर्ट बनाया है। इस रोलिंग सपोर्ट के माध्यम से बैलों के कंधो पर से गन्ने का वजन हल्का होने में मदद मिलेगी। राजारामबापू सहकारी चीनी मिल में बैलगाड़ियों में इस आविष्कार का टेस्टिंग किया गया है।
महाराष्ट्र में कुल 200 सहकारी और निजी स्वामित्व वाली चीनी मिलें हैं, जिनमें से अधिकांश चीनी मिलों के पास लगभग 300 बैलगाड़ियाँ गन्ने की ढुलाई करती हैं। मुख्य रूप से खेत में गन्ना भरते समय विभिन्न प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है, जैसे कि गिरना और जमीन टूटना, बैलों को ओवरलोड करना, सड़कों पर स्पीडब्रेकर पत्थरों के कारण पैर फिसल जाना, पैरों का मुड़ जाना और कभी-कभी पैर टूट जाना। इससे बैल को चोट तो लगती है, साथ ही चालक को आर्थिक नुकसान भी होता है।
इस समस्या को दूर करने के लिए सौरभ भोसले, आकाश कदम, निखिल तिपायले, आकाश गायकवाड़ और ओंकार मिरजकर ने काम शुरू किया। उन्होंने दो बैलों के बीच एक तीसरा पहिया लगाया, जो बैलों पर भार को कम करता है और बैलगाड़ी का पूरा संतुलन भी रखता है। आपको बता दे की, यह रोलिंग सपोर्ट बैलों की ऊंचाई के अनुसार ऊपर और नीचे जा सकता है। गन्ना भरते और परिवहन करते समय रोलिंग सपोर्ट एडजस्ट किया जा सकता है। आगामी पेराई सत्र में इस परियोजना को प्रायोगिक आधार पर लागू करने का प्रयास किया जाएगा। इस अविष्कार की बैलगाड़ी चालक, किसानों और मिलों द्वारा सराहना की जा रही है।
चीनीमंडी से बातचीत के दौरान, आर.आई. टी कॉलेज के डॉ. कृष्णजी पाटिल ने अधिक जानकारी देते हुए बताया की, इस परियोजना के लिए लीड कॉलेज योजना के तहत शिवाजी विश्वविद्यालय से 10,000 रुपये प्राप्त हुए हैं। इस रोलिंग सपोर्ट प्रोजेक्ट के पेटेंट के लिए आवेदन किया गया है। परियोजना के लिए डॉ. सुप्रिया सावंत ने मार्गदर्शन प्रदान किया है। पी एस घाडगे और ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग विभाग डॉ एस आर कुंभार ने बहुमूल्य सहायता प्रदान की। कॉलेज के निदेशक डॉ. सुषमा कुलकर्णी, डॉ. ए.बी. काकड़े, डॉ. एल एम जुगुलकर, प्रा. सुधीर आरली एवं प्रा. हर्षल पाटिल द्वारा टीम को बधाई दी गई। कासेगांव एजुकेशन सोसाइटी के सचिव आर. डी. सावंत और भगत सिंह पाटिल ने टीम की तारीफ की।