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सुलतानपुर : चीनी मंडी
उत्तर प्रदेश में गन्ना किसानों की हालत दिनोंदिन खस्ता होती जा रही है। जिन मिलों ने गन्ना लिया है, वो मिलें भुगतान नही कर रही है। दूसरी तरफ कई किसानों का गन्ना खेतों में ही सुख रहा है, इससे निजाद पाने का कोई भी विकल्प उनके सामने नही बचा है। किसानों की इस मजबूरी का कुछ चीनी मिलें नाजायज फायदा उठा रही है और किसानों से औने-पौने दाम पर गन्ना खरीद रही है। इसके चलते किसानों में आक्रोश बढ़ रहा है, लेकिन राज्य सरकार कोई भी कारवाई करने से बच रही है। इसका खामियाजा सरकार को आनेवाले लोकसभा चुनाव में भुगतना पड़ सकता है।
सुलतानपुर किसान सहकारी चीनी मिल कर्मियों की हड़ताल ने गन्ना किसानों की कमर तोड़ दी है। खेत में ही गन्ने सूखता देख किसान अब लागत निकालने के लिए औने-पौने दामों पर बेचने को मजबूर हो गए हैं। बिचौलिये इसका फायदा उठा किसानों का गन्ना खरीद दूसरे जिलों को भेज रहे हैं। यही हालत रही तो वह दिन दूर नहीं जब जिले में गन्ने की पैदावार केवल कागजों पर लिखने के लिए शेष रह जाएगी। पटना क्रय केंद्र पर दर्जनों ट्रालियां गन्ने से लदी खड़ी हैं। मिल की हड़ताल के चलते समस्या उत्पन्न हुई। मजबूरी में उनका गन्ना सूख रहा है। किसानों का कहना है कि अगर यही हालत रही तो जितने का गन्ना नहीं उतना वाहन का भाड़ा देना पड़ जाएगा।
कई किसान अब कहते हैं कि अब वे गन्ने की बोआई अगले वर्ष नहीं करेंगे। हर बार यही स्थिति रहती है। कब मिल का पहिया थम जाए पता नहीं। हमारी मेहनत का फल दूसरा कोई खाता है। मिल की शुरुआत होने से पूर्व ही अधिकारियों ने कर्मियों को बकाया भुगतान का आश्वासन दिया था। लंबा समय बीतने के बाद कर्मियों का आक्रोश बढ़ गया और मिल का पहिया ठप हो गया। वहीं जर्जर उपकरणों के कारण आए दिन मिल ठप रहती है।
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Paymaent no pay r date 13 nov 2019