पानीपत : पिछले साल गन्ने में रेट राट (लाल सड़न) और टाप बोरल बीमारी होने से पैदावार पर असर पड़ा था। कीट के प्रभाव से गन्ने की फसल खराब हुई थी और उससे चीनी मिलों को नुकसान उठाना पड रहा थौ। जिसका सुधा असर उनके बैलेन्सशीट पर होते दिखाई दे रहा है। पिछले साल कई मिलों को खराब गन्ने का स्वीकार करना पड़ा था, जिससे उनको नुकसान हुआ। आने वाले सीजन में मिलें गन्ने की खराब वेराइटी की खरीद पर भी रोक लगाने की संभावना हैै।
जागरण में प्रकाशित खबर के अनुसार, शुगर मिल प्रबंधन ने पिछले साल गन्ने की बीमारी से हुए नुकसान के डैमेज कंट्रोल का प्रयास शुरू कर दिया है। गन्ना अनुसंधान केंद्र, करनाल के विज्ञानियों से मिल स्टाफ को प्रशिक्षण भी दिया है। अगले सीजन में गन्ने की खराब वेराइटी पर प्रबंधन रोक लगाने की संभावना है।पानीपत जिले में गन्ने का रकबा 28,000 एकड़ है, और 4500 से अधिक किसान चीनी मिल से जुडे है।