नई दिल्ली : इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (ISMA) ने केंद्र सरकार से चीनी के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को मौजूदा 31 रुपये प्रति किलोग्राम से बढ़ाकर कम से कम 36-37 रुपये प्रति किलोग्राम करने का आग्रह किया, जो उचित और लाभकारी मूल्य (एफआरपी) के अनुरूप है। आपको बता दे की, चीनी के MSP की आखिरी घोषणा फरवरी 2019 में की गई थी। खाद्य मंत्रालय को लिखे पत्र में ISMA के अध्यक्ष आदित्य झुनझुनवाला ने कहा है, सरकार ने फरवरी 2019 में चीनी का MSP 31 रुपये प्रति किलोग्राम तय किया था, जब गन्ने का एफआरपी 275 रुपये प्रति क्विंटल था। 2019 से अब तक गन्ने का एफआरपी बहुत बढ़ चुका है।
चीनी मिलों का 85% राजस्व चीनी की बिक्री से आता है, और यह किसानों को गन्ना मूल्य का भुगतान करने का एक महत्वपूर्ण घटक है। ISMA ने कहा, ऋण और संयंत्र और मशीनरी के मूल्यह्रास और अन्य कच्चे माल की लागत पर ब्याज की लागत में काफी वृद्धि हुई है।
आपको बता दे, कल केंद्र सरकार ने गन्ना किसानों को लेकर एक बड़ा फैसला लिया है। गन्ना किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने सीजन 2022-23 (अक्टूबर-सितंबर) के लिए गन्ने के उचित और लाभकारी मूल्य (FRP) को 10.25 प्रतिशत की रिकवरी के हिसाब से 305 प्रति क्विंटल कर दिया है।