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नयी दिल्ली 07 मार्च (UNI) देश की 466 चीनी मिलों ने 28 फरवरी तक कुल 247.68 लाख टन चीनी का उत्पादन किया जबकि गत वर्ष की समान अवधि में 457 मिलों ने 231.77 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था।
इस्मा द्वारा बुधवार को यहां जारी रिपोर्ट के मुताबिक,इस साल महाराष्ट्र और कर्नाटक के चीनी मिलों में पेराई का काम पहले शुरू होने के कारण उत्पादन में यह वृद्धि देखी गयी है, अन्यथा पिछले साल की तुलना में इस साल चीनी उत्पादन कम रहने की आशंका है। इस सत्र में बड़ी मात्रा में गन्ने के रस का इस्तेमाल ‘बी मोलासी’ इथेनॉल के उत्पादन में होगा जिसके मद्देनजर चीनी उत्पादन का अनुमान घटाकर करीब 307 लाख टन कर दिया गया है जबकि बीते चीनी सत्र में करीब 325 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था।
रिपोर्ट में कहा गया है कि 28 फरवरी 2019 तक महाराष्ट्र की चीनी मिलों ने 92.10 लाख टन चीनी उत्पादित की जबकि इससे पिछले चीनी सत्र की समान अवधि में मिलों ने 84.54 लाख टन चीनी का उत्पादन किया था। गत चीनी सत्र में यहाँ कुल 107.23 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था। महाराष्ट्र के 23 मिलों ने इस अवधि में अपना काम बंद कर दिया है जबकि 170 चीनी मिलों में पेराई का काम जारी है। पिछले चीनी सत्र की समान अवधि में राज्य की 169 चीनी मिलों में काम जारी था जबकि 18 मिलों ने काम कर दिया था।
इस दौरान उत्तर प्रदेश में 117 चीनी मिलों चालू रहीं, जिन्होंने 73.20 लाख टन चीनी उत्पादित की जबकि बीते चीनी सत्र की समान अवधि में राज्य की 117 मिलों ने 73.61 लाख टन चीनी का उत्पादन किया था। वर्ष 2017-18 के चीनी सत्र के दौरान उत्तर प्रदेश की चीनी मिलों ने 120.45 लाख टन चीनी उत्पादित की थी।
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