तिरुचिरापल्ली: जिले में गन्ने की खेती का रकबा बढ़ने का अनुमान लगाया गया है। अधिकारियों के मुताबिक इस सीजन में करीब 360 हेक्टेयर अतिरिक्त रकबा गन्ने की खेती के दायरे में आएगा। जिले में NPKRR सहकारी चीनी मिल के कामकाज के पुनरुद्धार के चलते किसान फिर एक बार गन्ने की ओर मुड़ रहे है। पिछले महीने विधानसभा समिति ने मिल का निरीक्षण किया था और मिल को पुनर्जीवित करने के लिए राज्य सरकार द्वारा गठित एक समिति भी वर्तमान में अपना कार्य कर रही है। किसानों के अनुसार जिले और आसपास में 10 हजार एकड़ में गन्ने की खेती की जा रही है, और मयिलादुथुराई, नागपट्टिनम और तंजावुर जिलों में लगभग 2,800 गन्ना उत्पादक मिल के साथ पंजीकृत हैं।राज्य भर के किसान संगठन राज्य सरकार से केंद्र सरकार के एथेनॉल मिश्रित पेट्रोल (ईबीपी) कार्यक्रम से होने वाले लाभों का दोहन करने का आग्रह कर रहे हैं।
केंद्र सरकार ने जैव ईंधन पर राष्ट्रीय नीति – 2018 को अधिसूचित किया है, जिसमें देश में 2030 तक पेट्रोल में एथेनॉल के 20% मिश्रण और डीजल में 5% बायोडीजल के मिश्रण का लक्ष्य रखा गया है। एथेनॉल की आपूर्ति को लेकर बढ़ते प्रतिसाद के चलते केंद्र सरकार ने 2030 से 2025-26 तक पेट्रोल में एथेनॉल के 20% मिश्रण के लक्ष्य को आगे बढ़ाया है ।तेल विपणन कंपनियों (OMCs) ने घाटे वाले राज्यों में समर्पित एथेनॉल प्लांट स्थापित करने के लिए संभावित परियोजना संचालकों के साथ दीर्घकालिक इथेनॉल ऑफ-टेक समझौतों पर भी हस्ताक्षर किए हैं।