इस्लामाबाद: पाकिस्तान में खाद्य संकट आने की संभावना बनी हुई है, क्योंकि आगामी रबी सीजन में गेहूं का उत्पादन कम होने की उम्मीद है। इससे खाद्य सुरक्षा को खतरा निर्माण हो सकता है। पाकिस्तान विनाशकारी बाढ़ के प्रभाव से निपटने के लिए संघर्ष कर रहा है, और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भी खाद्य सुरक्षा की स्थिति के बारे में चिंता व्यक्त की है।शरीफ ने रविवार को ट्वीट किया था की, “जलवायु परिवर्तन, प्राकृतिक आपदाओं और वैश्विक बाजार में बढ़ती कीमतों के कारण, पौष्टिक भोजन की वैश्विक कमी का खतरा है। बढ़ती वैश्विक गरीबी और भूख सहित जलवायु परिवर्तन हमारे जीवन को कई तरह से नुकसान पहुंचा रहा है।
Dawn अखबार ने बताया कि, 2021-22 के दौरान देश का गेहूं की खेती का क्षेत्र 2.1 प्रतिशत घटकर 8,976,000 हेक्टेयर रह गया। एक साल पहले यह क्षेत्रफल 9,168,000 हेक्टेयर था।
पाकिस्तान सरकार के अधिकारियों ने उत्पादन में गिरावट के लिए पानी की कमी, बुवाई के समय सूखे की स्थिति, कम उर्वरक उठाव और लू को जिम्मेदार ठहराया है। दिसंबर से मार्च 2023 तक बाढ़ से प्रभावित अनुमानित 14.6 मिलियन लोगों को आपातकालीन खाद्य सहायता की आवश्यकता है। इसके अलावा, बढ़ती मुद्रास्फीति और सिंचाई प्रणालियों को महत्वपूर्ण नुकसान से खाद्य सुरक्षा की स्थिति बिगड़ने की आशंका है। खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) के अनुसार, अगस्त 2022 में गेहूं और अन्य बुनियादी खाद्य पदार्थों की कीमत रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई। बाढ़ प्रभावित प्रांतों के प्रांतीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (पीडीएमए) की रिपोर्ट के अनुसार, 21 लाख से अधिक घर क्षतिग्रस्त या नष्ट हो गए हैं, और लगभग 8 मिलियन लोग विस्थापित हुए हैं, जिनमें कुछ 644,000 लोग राहत शिविरों में रह रहे हैं।