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नई दिल्ली, 19 मार्च: देशभर के किसान नेताओं का दो दिवसीय ‘अखिल भारतीय प्रगतिशील किसान सम्मेलन 2019’ का शुभारम्भ राजधानी दिल्ली के कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में हुआ। यह आयोजन अखिल भारतीय किसान महासभा और भारतीय खाद्य एवं कृषि परिषद के तत्वावधान में हो रहा है, जिसमें देश के करीब 45 प्रमुख किसान संगठनों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। अखिल भारतीय किसान महासंघ(आईफा) के राष्ट्रीय समन्वयक डॉ राजाराम त्रिपाठी ने देशभर से आए 45 से अधिक किसान संगठनों के नेताओं को संबोधित करते हुए कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा ‘पीएम किसान योजना’ निश्चित तौर पर स्वागत योग्य है। लेकिन यूपी जैसे बडे राज्य के गन्ना किसानों की समस्याओं का समाधान हो, उनको समय पर उनके बकाया का भुगतान मिले इसके भी प्रयास किये जाने चाहिए।
सम्मेलन में र्त्रिपाठी ने मौजूद केंद्रीय कृषि मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव अशोक दलवई की ओर इशारा करते हुए कहा कि किसानों के लिए लागू योजनाएं बेहतर तरीके से क्रियान्वित हो इस पर काम करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि यहां बैठे सभी लोग किसान हैं, इन्हें पता है कि दो हजार में दो बीघा जमीन की जुताई तक ठीक से नहीं कराई जा सकती। अगर सरकार द्वारा फसलों के उचित दाम ही दिला दिए जाएं तो किसान को सरकार से पैसे लेने की जरूरत ही नहीं पड़ेगी। डॉ त्रिपाठी ने कहा कि स्वामीनाथन आयोग में जिस तरह से किसानों को लाभ पहुंचाने की बात कही गई है, सरकार उसका पालन सही तरीके से नहीं कर रही है। कार्यक्रम में पश्चिमी यूपी के काफी किसान मौजूद थे उनके सामने केंद्रीय कृषि मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव अशोक दलवई ने सरकार का पक्ष रखा और कहा कि गन्ना किसानों की समस्याओं को लेकर सरकार गंभीर है।
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