नई दिल्ली : इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) ने केंद्र सरकार से गन्ने के रस या शुगर सिरप ( sugar syrup) से उत्पादित एथेनॉल की संशोधित कीमतों पर फिर से विचार करने का आग्रह किया है। 2022-2023 के लिए सी-हैवी मोलासेस और बी-हैवी मोलासेस से उत्पादित एथेनॉल के लिए 1 दिसंबर से लागू होने वाले संशोधित मूल्य का स्वागत करते हुए ISMA ने कहा कि, हालांकि, गन्ने के रस / शुगर सिरप से निर्मित एथेनॉल के लिए कीमत अपर्याप्त है।
ISMA के महानिदेशक Sonjoy Mohanty ने कहा कि, उद्योग 2022-23 के अगले आपूर्ति सीजन के लिए एथेनॉल की कीमत में संशोधन का स्वागत करता है जो 1 दिसंबर 2022 से शुरू होगा। सी-हैवी मोलासेस और बी-हैवी मोलासेस से निर्मित एथनॉल के लिए घोषित संशोधित कीमतें चीनी मिलों को एथेनॉल उत्पादन की ओर अधिक चीनी का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करेगा। हालांकि, गन्ने के रस/शुगर सिरप से निर्मित एथेनॉल की कीमत में संशोधन नई क्षमता निर्माण में अतिरिक्त निवेश को बढ़ावा देने के लिए पर्याप्त नहीं है।
उन्होंने आगे कहा की उद्योग ने सरकार को कई बार यह प्रतिनिधित्व किया है कि चीनी के रस/सिरप से उत्पादित एथेनॉल की कीमत 5 साल की पेबैक अवधि के साथ इक्विटी पर रिटर्न पर आधारित होनी चाहिए। ROE पर आधारित व्युत्पन्न कीमत 69.85 रुपये प्रति लीटर है। सरकार द्वारा घोषित कीमत 65.61 रुपये/लीटर है।
केंद्र सरकार का 2022-2023 एथेनॉल सीजन के दौरान 12% एथेनॉल सम्मिश्रण प्राप्त करने का लक्ष्य है। यह लक्ष्य हासिल करने के लिए कुल 651 करोड़ लीटर एथेनॉल की आवश्यकता है और चीनी मिलों से लगभग 45 लाख टन चीनी से एथेनॉल उत्पादन की ओर मोड़ने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि, गन्ने के रस/शुगर सिरप से प्राप्त एथेनॉल के लिए अगर सरकार ज्यादा कीमत देती है, तो उद्योग को 12% एथेनॉल सम्मिश्रण प्राप्त लक्ष्य को पूरा करने में आसानी होगी।