चीनी उद्योग का भविष्य बहुत अच्छा है: Avantika Saraogi

नई दिल्ली : भारत आयातित ईंधन पर अपनी निर्भरता कम करने और हरित ऊर्जा की ओर बढ़ने के लिए वैकल्पिक ईंधन के सकारात्मक दृष्टिकोण की ओर बढ़ने के लिए प्रतिबद्ध है। देश विभिन्न विकल्पों पर दांव लगा रहा है और गन्ना आधारित कच्चे माल से एथेनॉल उत्पादन को बढाने के लिए भारतीय चीनी उद्योग सफल प्रयास कर रहा है। इस कदम से फ्लेक्स ईंधन वाहनों की ओर बढ़ने की भारत की महत्वाकांक्षी योजना को प्राप्त करने में मदद मिलेगी। भारतीय चीनी उद्योग की अगली पीढ़ी राष्ट्र के लिए ऊर्जा उद्योग बनने से काफी रोमांचित है और इस हरित ईंधन उद्योग का मजबूती से नेतृत्व करने के लिए कमर कस रही है।

आपको बता दे की, ‘चीनीमंडी’ ने हाल ही में अवंतिका सरावगी (Avantika Saraogi) – प्रमोटर, बलरामपुर चीनी मिल्स लिमिटेड (बीसीएमएल) से बात की, यह जानने के लिए कि वह भारतीय चीनी उद्योग को कैसे आगे बढ़ते हुए देखती हैं। अवंतिका सरावगी ने टिप्पणी की कि, मुझे लगता है कि उद्योग का भविष्य बहुत अच्छा है, और मुझे लगता है कि दुनिया के लिए अब गन्ना नया तेल है, और यह स्थायी (Sustainable) विकल्प है। मेरा मानना है कि, भविष्य चीनी उद्योग से जुड़े सभी के लिए असीमित मौको से भरा हुआ है।

भारतीय चीनी उत्पादन और निकट भविष्य में चीनी मूल्य निर्धारण पर उनके प्रभाव को साझा करते हुए, उन्होंने कहा, चालू सीजन में चीनी का उत्पादन 40 मिलियन टन होने की उम्मीद है, जिसमें 4.5 मिलियन टन एथेनॉल की ओर मोड़ा जायेगा। इस सीजन में 6 से 8 मिलियन टन निर्यात किए जाने की संभावना है, जबकि घरेलू खपत 27.5 से 28.0 मिलियन टन रहने का अनुमान है। क्लोजिंग इन्वेंट्री 5.5 मिलियन टन होने की उम्मीद है। केंद्र सरकार की मजबूत नीतियों के कारण, देश चीनी स्टॉक का अच्छी तरह से प्रबंधन कर रहा है। इसलिए, हम चीनी की घरेलू कीमतों में मजबूती देखने के लिए तैयार हैं।

इसके अलावा, अगर हम अंतरराष्ट्रीय परिदृश्य को देखें, तो ब्राजील में घरेलू गैसोलीन की कीमतों में समायोजन के कारण चीनी उत्पादन में वृद्धि की संभावना है। थाईलैंड में भी उच्च उत्पादन होने की उम्मीद है, जबकि चीन और यूरोपीय संघ में उत्पादन कम रहने की संभावना है। उन्होंने कहा, हमें उम्मीद है कि मार्च 2023 तक मांग मजबूत रहेगी, लेकिन उसके बाद जैसे ही ब्राजील से अगली फसल बाजार में आने लगेगी, कीमत में कमी आ सकती है। वर्तमान में उम्मीद है कि मार्च 2023 तक वैश्विक कीमत 19 से 20 सेंट के भीतर रह सकती है।

यह पूछे जाने पर कि वह भारत को एथेनॉल सम्मिश्रण कार्यक्रम और गन्ना और चीनी मूल्य निर्धारण रणनीति पर कैसे आगे बढ़ते हुए देखती हैं, उन्होंने जवाब दिया की, भारत सरकार सक्रिय रूप से उन नीतियों की घोषणा कर रही है जो मिलर्स को इन्वेंट्री को नियंत्रित करने और किसानों को समय पर भुगतान करने में मदद करने के पक्ष में हैं। चाहे वह एथेनॉल के मोर्चे पर हो, जिसमें 2025 तक 20% सम्मिश्रण लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए ब्याज सबवेंशन योजनाओं की घोषणा की गई हो, या उत्पादन बढ़ाने के लिए कच्चे माल के विभिन्न स्रोतों के लिए लाभकारी कीमतों की घोषणा की गई हो।

साथ ही, सरकार एथेनॉल के सुचारू उठाव में सहायता के लिए विभिन्न मंत्रिस्तरीय समूहों के साथ संवाद और बैठक में सहायता कर रही है और यह भी ध्यान रख रही है की 20% सम्मिश्रण लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए लॉन्च किए जाने वाले वाहनों में समय पर परिवर्तन किया जा सके। निर्यात के मोर्चे पर जहां सिस्टम में अतिरिक्त इन्वेंट्री का ख्याल रखने के लिए नीतियों की घोषणा की जा रही है। साथ ही, मासिक रिलीज मैकेनिज्म के जरिए घरेलू इन्वेंट्री पर नजर भी रखी जा रही है।

बड़े पैमाने पर गन्ने की खेती के कारण चीनी उद्योग मेक इन इंडिया का ध्वजवाहक रहा है और इसमें दुनिया के प्रमुख एथेनॉल उत्पादकों में से एक बनने की क्षमता है। बलरामपुर चीनी मिल्स 2025 तक पेट्रोलियम में 20% एथेनॉल सम्मिश्रण के उद्देश्य को पूरा करने के लिए भारत सरकार और चीनी क्षेत्र के उद्देश्य के साथ कैसे जुड़ रहा है। इस पर टिप्पणी करते हुए उन उन्होंने कहा की बलरामपुर में हमने अपनी एथेनॉल क्षमता को 520 केएलपीडी से 1050 केएलपीडी तक दोगुना करने के लिए कैपेक्स की घोषणा की है। गुलेरिया में हमारा एक संयंत्र पहले से ही 200 केएलपीडी पर काम कर रहा है जिसे जनवरी 2022 में 160 केएलपीडी से विस्तारित किया गया था। मैजापुर में 320 केएलपीडी की एक ग्रीनफील्ड परियोजना लगभग पूरी हो चुकी है और नवंबर 2022 से वाणिज्यिक उत्पादन शुरू होने की उम्मीद है। हमारी बलरामपुर इकाई में एक और 330 केएलपीडी एथेनॉल विस्तार कार्यक्रम भी चल रहा है और दिसंबर 2022 से उत्पादन शुरू होने की संभावना है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here