सांगली: चीनी मंडी
सांगली जिले की मांनगंगा सहकारी चीनी मिल ने वर्ष 2017-18 के लिए पहले 2600 रुपये प्रति टन दर देने की घोषणा की थी, लेकिन बाद में मिल ने 2300 रुपये प्रति टन और 1922.36 रुपये एफआरपी के अनुसार देने का फैसला लिया जिसे कानून की अनुमति नहीं है। इसके चलते मिल पर चीनी आयुक्त शेखर गायकवाड ने कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए है।
चीनी आयुक्त ने आदेश दिया है की, मिल द्वारा 11 किसानों को अगले 10 दिनों में चीनी मिल को 2600 रुपये प्रति टन के अनुसार और उस रकम पर 15% ब्याज की राशि का भुगतान हर हाल में करना ही होगा। यदि इस राशि का भुगतान नहीं किया जाता है, तो मिल के खिलाफ अलग-अलग राजस्व प्राप्तियों (आरआरसी) की कार्रवाई होगी ।
सांगली जिले के आटपाडी तालुका के मानगंगा सहकारी चीनी मिल ने वर्ष 2017-18 के लिय 2600 प्रति टन दर देने की घोषणा कि थी, लेकिन मिल द्वारा बताया गया दर नही देने के कारण गन्ना आपूर्ति करने वाले 11 किसानों ने मिल के खिलाफ शिकायत दर्ज की थी। शिकायतकर्ताओं में सुनील विठ्ठल बिराजदार, गंगाधर बसगोंडा कांकणी और अन्य किसान शामिल हैं। मामले की सुनवाई शुगर कमिश्नरेट में हुई।