देश के गेहूं उत्पादन में हीटवेव से 27.5 लाख टन की गिरावट: कृषि मंत्री तोमर

नई दिल्ली : हीटवेव ने पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश ने देश में गेहूं की फसलों के उत्पादन पर नकारात्मक प्रभाव डाला है क्योंकि इस वर्ष उत्पादन में 2.75 मिलियन टन की गिरावट आई है।कृषि वर्ष 2021-22 के लिए चौथे अनुमान के अनुसार, गेहूं का उत्पादन 106.84 मिलियन टन अनुमानित है, जो 2020-21 के दौरान अनुमानित 109.59 मिलियन टन की तुलना में 2.75 मिलियन टन (2.5 प्रतिशत) की गिरावट दर्शाता है। विशेषज्ञ इस साल पंजाब, हरियाणा और यूपी में मार्च के महीने में शुरुआती गर्मी की लहर को गिरावट से जोड़ रहे हैं।

इस बात का खुलासा केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने मंगलवार को लोकसभा में किया। उन्होंने पंजाब कांग्रेस सांसद रवनीत सिंह बिट्टू के एक सवाल के जवाब में लिखित बयान जारी किया। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) की नवीनतम रिपोर्ट ने मार्च और अप्रैल 2022 के महीनों में चिलचिलाती गर्मी के कारण हुई फसल क्षति पर पहले ही प्रकाश डाल दिया था। अत्यधिक तापमान उत्पादन में गिरावट का संभावित कारण रहा है। इस वर्ष मार्च और अप्रैल में अत्यधिक गर्मी के कारण शुष्क हवाएँ, उच्च वाष्पीकरण और नमी तनाव हुआ था। पंजाब के कई जिले उस घटना से प्रभावित हुए, जिसके परिणामस्वरूप गेहूं के दानों का पीलापन और सिकुड़न हुई, जिससे पैदावार में 25 प्रतिशत तक की कमी आई।

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