नेपाल: गन्ना किसान अपनी उपज औने-पौने दामों पर बेचने को मजबूर

काठमांडू : नेपाल के गन्ना किसान अपनी उपज औने-पौने दामों पर बेचने को विवश हो गये है। किसानों को चीनी मिल बंद होने के बाद गुड़ उद्योग को अपनी उपज बहुत कम कीमत पर बेचने के लिए मजबूर होना पड़ा है। किसानों ने गन्ना 400 रुपये प्रति क्विंटल पर बेचना शुरू कर दिया है। चीनी मिल बंद होने के बाद सबसे ज्यादा मार गन्ना किसानों पर पड़ी है। गन्ने की खेती के प्रति किसानों का आकर्षण कम हो रहा है। रौतहट जिले में एक चीनी मिल बंद है, जबकि दूसरी में पेराई की कोई तैयारी नहीं है। पेराई सीजन शुरू होने और न्यूनतम समर्थन मूल्य अभी तक तय नहीं होने और चीनी मिलें बंद रहने या गन्ना खरीदने की तैयारी नहीं करने से किसान औने-पौने दामों पर गन्ना बेचने को मजबूर हो रहे हैं।

गरुड़ नगर पालिका स्थित श्री राम चीनी मिल बंद रहने से जिले के किसान गुड़ उद्योग को कम कीमत पर गन्ना बेचने को विवश हैं। मिल बंद होने से गन्ना किसानों को खासा नुकसान हुआ है। गन्ना किसानों की संख्या लगातार घट रही है। यही स्थिति गरुड़ चीनी मिल की है, मिल पिछले साल से बंद है, और मिल बंद होते ही किसानों ने गुड़ उद्योग को सस्ते दामों पर गन्ना बेचना शुरू कर दिया। सरकार ने इस साल की फसल के लिए अभी तक गन्ने की कीमत भी तय नहीं की है। पिछले साल गन्ने का न्यूनतम समर्थन मूल्य 590 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया था। चीनी मिलों को अपना गन्ना बेचने पर किसानों को लगभग 600 रुपये प्रति क्विंटल मिलते हैं।

गुड़ उद्योग के निदेशक बिसुन यादव ने कहा कि, गुड़ की मांग के अनुसार गन्ने का मूल्य तय किया जाएगा। उन्होंने कहा, “चूंकि गुड़ का कोई निश्चित बाजार मूल्य नहीं है, इसलिए इसे अधिक कीमत पर बेचने से नुकसान हो सकता है। उन्होंने दावा किया की, गुड़ उद्योग किसानों को उनके गन्ने के लिए जो कीमत दे रहा है, वह सबसे अधिक है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here