वाशिंगटन : अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष की प्रमुख क्रिस्टालिना जॉर्जीवा ने सीबीएस के साथ एक साक्षात्कार में कहा कि, दुनिया को एक चुनौतीपूर्ण वर्ष का सामना करना पड़ेगा क्योंकि दुनिया की तीन प्रमुख अर्थव्यवस्थाएं अमेरिका, चीन और यूरोप मंदी का सामना कर रही है। उन्होंने कहा की, हम उम्मीद करते हैं कि विश्व अर्थव्यवस्था का एक तिहाई हिस्सा मंदी की चपेट में होगा। जॉर्जीवा ने चेतावनी दी कि, 2023 वर्ष वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए अधिक कठिन होने वाला है।
COVID-19 महामारी, भू-राजनीतिक संघर्ष, यूक्रेन-रूस युद्ध और उच्च मुद्रास्फीति के चलते ब्याज दरों में हो रही वृद्धि आदि वैश्विक मंदी के कारण बताएं जा रहें है। अमेरिका और यूरोप के बारे में बोलते हुए, उन्होंने कहा कि वाशिंगटन मंदी से बच सकता है, यूरोप में स्थिति अधिक निराशाजनक दिखती है, जो यूक्रेन में युद्ध से बुरी तरह प्रभावित हुई है। जॉर्जीवा ने कहा, आधा यूरोपीय संघ मंदी में होगा। आईएमएफ के अनुमानों के अनुसार, इस वर्ष वैश्विक विकास दर 2.7 प्रतिशत है, जो 2022 के 3.2 प्रतिशत से भी कम है।
उन्होंने दावा किया की, चीन में मंदी का वैश्विक स्तर पर भयानक प्रभाव पड़ेगा। दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था 2022 में अपनी कठोर शून्य-कोविड नीति के कारण कमजोर हो गई है, जिसने आपूर्ति श्रृंखला को बाधित कर दिया और व्यापार और निवेश के प्रवाह को नुकसान पहुंचाया है। आईएमएफ प्रमुख ने कहा कि, 2022 में चीन की वृद्धि वैश्विक वृद्धि के बराबर या उससे कम रहने की संभावना है। उन्होंने यह भी बताया की, 40 वर्षों में पहली बार 2022 में चीन की वृद्धि वैश्विक वृद्धि के बराबर या उससे कम रहने की संभावना है। जॉर्जीवा ने कहा, यह एशियाई अर्थव्यवस्थाओं के लिए “काफी तनावपूर्ण” अवधि है।जॉर्जीवा ने कहा, अगले कुछ महीने चीन के लिए कठिन होंगे, और चीनी विकास पर प्रभाव नकारात्मक होगा।उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि चीन धीरे-धीरे आर्थिक प्रदर्शन के उच्च स्तर पर जाएगा।