नई दिल्ली: भारत अपने स्वच्छ ऊर्जा लक्ष्य की ओर तेजी से बढ़ने के लिए, कृषक भारती कोऑपरेटिव लिमिटेड (कृभको) के साथ सहकारी क्षेत्र के तहत देश भर में कई बायो-एथेनॉल प्लांट स्थापित करेगा। सहकारिता मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि, एथेनॉल का उत्पादन आने वाले दिनों में देश के पेट्रोलियम क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को बदलने वाला है, और विदेशी मुद्रा भंडार में लगभग 1 लाख करोड़ रुपये की बचत भी करेगा।
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने सितंबर में कृभको हजीरा की बायो-एथेनॉल परियोजना की आधारशिला रखी थी। यह प्लांट मक्का का उपयोग करेगा और परियोजना उच्च प्रोटीन पशु चारा, मत्स्य पालन और मुर्गी पालन के लिए कच्चा माल भी उपलब्ध कराएगी। कृभको की जैव-एथेनॉल परियोजना सहकारी क्षेत्र, पर्यावरण सुधार, किसानों की आय को दोगुना करने, भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि और ग्लोबल वार्मिंग चुनौतियों का मुकाबला करने की दिशा में एक बड़ी छलांग है।भारत ने समय सीमा से पांच महीने पहले ही 10% एथेनॉल सम्मिश्रण का लक्ष्य हासिल कर लिया है और अब 2030 तक 20% एथेनॉल सम्मिश्रण का लक्ष्य 2025 तक बढ़ा दिया गया है।