नई दिल्ली: केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी मंत्री गडकरी ने कहा कि, एथेनॉल अर्थव्यवस्था का भविष्य उज्ज्वल है और चीनी क्षेत्र को अधिशेष उत्पादन को बायो एथेनॉल में बदलने के लिए कहा, जो बदले में कृषि के साथ-साथ देश के ग्रामीण क्षेत्रों में धन बनाने में मदद करेगा। चीनीमंडी द्वारा आयोजित शुगर और एथेनॉल इंडिया कांफ्रेंस में आभासी रूप हिस्सा लेते हुए, उन्होंने कहा कि, भारतीय परिवहन क्षेत्र की ऊर्जा आवश्यकता का 80 प्रतिशत जीवाश्म ईंधन जैसे पेट्रोल, डीजल आदि के आयात से पूरा किया जा रहा है, जिस पर देश को सालाना 16 लाख करोड़ रुपये से अधिक की लागत आ रही है।उन्होंने कहा, केंद्र सरकार पेट्रोल, डीजल आयात कम करके एथेनॉल उत्पादन को बढ़ावा दे रहा है, और एथेनॉल उद्योग का भविष्य काफी उज्वल है।
#SEIC2023: @nitin_gadkari addresses the leaders of the sugar and allied industries on the need to reduce sugar production and promote ethanol production.
Live stream: https://t.co/nsbnE7gWeK
#SEIC2023 #SugarConference #ChiniMandi #sugar #ethanol #sugarmarket— ChiniMandi (@ChiniMandi) January 8, 2023
उन्होंने कहा की, पेट्रोल, डीजल आयात आर्थिक और पर्यावरण समस्या भी है। परिवहन क्षेत्र भी 90 प्रतिशत कार्बन उत्सर्जन के लिए जिम्मेदार है। परिवहन क्षेत्र को डीकार्बोनाइज करने की तत्काल आवश्यकता है। सरकार जैव ईंधन के उत्पादन के लिए प्रोत्साहित कर रही है। केंद्र सरकार ईंधन के रूप में एथेनॉल को बढ़ावा दे रहा है।केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री गडकरी ने कहा कि, क्षतिग्रस्त अनाज चावल, मक्का और अधिशेष गन्ने के इस्तेमाल से उत्पादन बढ़ाया जा रहा है। भारत के पास विश्व स्तर पर जैव ईंधन उत्पादन का लीडर होने की क्षमता है। भारत एकमात्र देश है जो जैव ईंधन के लिए चार वाणिज्यिक संयंत्र स्थापित कर रहा है, जिनमें से तीन स्वदेशी तकनीक पर आधारित हैं। प्रत्येक संयंत्र दो लाख किसानों की मदद करेगा और तीन लाख टन कार्बन उत्सर्जन कम करेगा।