बेलगावी : 2025 तक एथेनॉल के साथ 20 प्रतिशत पेट्रोल के सम्मिश्रण के भारत के महत्वाकांक्षी लक्ष्य को हासिल करने के लिए चीनी उद्योग की बड़ी कंपनियों ने एथेनॉल उत्पादन क्षमता का विस्तार करने पर बड़ा दांव लगाया है। कर्नाटक स्थित प्रमुख चीनी मिल उगार शुगर वर्क्स लिमिटेड देश के प्रमुख खिलाड़ियों में से एक है, जिसने एथेनॉल उत्पादन क्षमताओं में बड़ी छलांग लगाई है। वर्तमान में कंपनी ने धीरे-धीरे अपनी क्षमता को 250 मिलीलीटर प्रति दिन से बढ़ाकर 800 किलो लीटर प्रति दिन (KLPD) कर लिया है। प्रबंध निदेशक चंदन शिरगावकर के कुशल नेतृत्व में एकल इकाई आसवनी ने एक दिन में 810264 लीटर एथेनॉल उत्पादन हासिल किया है।
आपको बता दे की, उगार शुगर वर्क्स लिमिटेड, रीग्रीन एक्सेल की ई-मैक्स तकनीक का उपयोग कर रहा है, जिसने कंपनियों को 50 प्रतिशत कम ऊर्जा और कम पानी की खपत का उपयोग करके विभिन्न फीडस्टॉक से एथेनॉल उत्पादन करने में मदद मिली है। रीग्रीन एक्सेल देश के 100 से अधिक परियोजनाओं में ई-मैक्स तकनीक लागू करने में सफल रहा है और इसे भारत की सबसे तेज एथेनॉल और डिस्टिलरी टेक्नोलॉजी कंपनी के रूप में भी जाना जाता है।
रीग्रीन एक्सेल के प्रबंध निदेशक संजय देसाई ने कहा की, हम उगार शुगर वर्क्स टीम विशेष रूप से श्री चंदन शिरगावकर के विश्वास के लिए आभारी है।वह मेगा एथेनॉल परियोजना की व्यवहार्यता और रीग्रीन एक्सेल ईमैक्स टेक्नोलॉजी में विश्वास करने वाले पहले व्यक्ति है। हमारा प्रयास हमेशा यह सुनिश्चित करने के लिए रहेगा कि प्रत्येक कंपनी अपने संसाधनों का इष्टतम उपयोग करें और निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करे।
एथेनॉल आपूर्ति वर्ष 2022-23 (दिसंबर-नवंबर) के लिए नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, कुल 6000 मिलियन लीटर की आवश्यकता के मुकाबले अब तक 4650 मिलियन लीटर से अधिक के अनुबंध निष्पादित किए जा चुके हैं। भारत द्वारा अब तक प्राप्त औसत सम्मिश्रण प्रतिशत 10.70% है। भारत ने 2013-14 में पेट्रोल में एथेनॉल सम्मिश्रण को 1.53 प्रतिशत से बढ़ाकर 2022 में 10.17 प्रतिशत कर दिया और 2030 से 2025-26 तक पेट्रोल में 20 प्रतिशत एथेनॉल मिश्रण प्राप्त करने के अपने लक्ष्य को आगे बढ़ाया।