Axens और Praj Industries के बीच सस्टेनेबल एविएशन फ्यूल (SAF) परियोजनाओं के लिए MoU

पुणे : एक्सेंस और प्राज इंडस्ट्रीज ने निम्न कार्बन अल्कोहल से सस्टेनेबल एविएशन फ्यूल (SAF) के उत्पादन के लिए भारत में परियोजनाओं पर संयुक्त रूप से काम करने के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। भारत वैश्विक स्तर पर शीर्ष पांच एविएशन बाजारों में शामिल है, और अगले दो दशकों में इस क्षेत्र में मजबूत विकास की उम्मीद है। नेट ज़ीरो कार्बन लक्ष्य हासिल करने के लिए भारत सरकार विमानन क्षेत्र को डीकार्बोनाइज़ करने के लिए SAF परियोजना शुरू करने पर विचार कर रही है। एएसटीएम द्वारा अनुमोदित एटीजे पाथवे (एटीजे-एसपीके) जिसमें लो-कार्बन एथेनॉल या लो-कार्बन आइसो ब्यूटेनॉल को एसएएफ में बदलना शामिल है, एसएएफ उत्पादन की भारत की आवश्यकता को पूरा करने में एक प्रमुख भूमिका निभाएगा।

SAF में अल्कोहल के रूपांतरण के लिए Axens अपनी JetanolTM अल्कोहल-टू-जेट तकनीक (डिहाइड्रेशन, ओलेफिन ओलिगोमर इजेशन और हाइड्रोजनीकरण चरण), उत्प्रेरक समाधान, उपकरण और सेवाएं (प्रशिक्षण, तकनीकी सहायता) प्रदान करेगा। एक्सेंस और प्राज भारत और विदेशों में सेल्युलोसिक बायोमास से कम कार्बन एथेनॉल के उत्पादन के लिए व्यक्तिगत रूप से प्रौद्योगिकी की पेशकश करना जारी रखेंगे। प्राज के सीईओ और एमडी शिशिर जोशीपुरा ने कहा, एक स्थायी जलवायु कार्रवाई कंपनी के रूप में हम बायो इकोनॉमी के माध्यम से ऊर्जा संक्रमण को तेज करने में शामिल है। एक्सेंस के साथ साझेदारी इस दिशा में एक और कदम है। एसएएफ उत्पादन भारत में स्वच्छ आसमान की दिशा में एक निश्चित कदम है एक्सेंस में गैसोलीन और एटीजे उत्पाद लाइन के उपाध्यक्ष जेवियर डिकूड ने कहा, एक्सेंस तीन दशकों से अधिक समय से स्वच्छ ईंधन की दिशा में भारत की यात्रा में गहराई से शामिल है और हम प्राज के साथ मिलकर एसएएफ परियोजनाओं पर काम जारी रखने के लिए बहुत उत्साहित हैं।प्राज, भारत की सबसे निपुण औद्योगिक बायोटेक कंपनी है, और पिछले चार दशकों में, प्राज ने पर्यावरण, ऊर्जा और पर ध्यान केंद्रित किया है।

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