नई दिल्ली : इस साल 2022-23 के रबी सीजन में गेहूं की बुवाई क्षेत्र में 0.4 प्रतिशत की मामूली वृद्धि हुई है। 3 फरवरी, 2023 तक गेहूं की फसल के तहत कुल बोया गया क्षेत्र 34.3 मिलियन हेक्टेयर था। केंद्रीय कृषि मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, यह 2021-22 की इसी अवधि के दौरान 34.1 मिलियन हेक्टेयर से थोड़ा ज्यादा है। इस क्षेत्र में फसल के तहत सामान्य क्षेत्र (पिछले पांच वर्षों के औसत) की तुलना में 3.7 मिलियन हेक्टेयर की वृद्धि देखी गई है।केंद्र सरकार गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध हटाने पर विचार करने के लिए बंपर फसल पर नजर गड़ाए हुए है।गेहूं के उच्च उत्पादन से कुछ हद तक मुद्रास्फीति दबाव भी कम होगा।
वैश्विक गेहूं की कीमतों में बढ़ोतरी और गेहूं की फसल में उपज के नुकसान के कारण घरेलू सरकारी स्टॉक में गिरावट के बीच केंद्र सरकार ने 13 मई, 2022 को गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की थी। पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश राज्यों में मार्च में लू के कारण फसल की उत्पादकता में गिरावट दर्ज की गई। मुख्य रबी फसल गेहूं की बुवाई अक्टूबर में शुरू होती है और कटाई मार्च/अप्रैल से शुरू होती है। आंकड़ों के अनुसार, राजस्थान, महाराष्ट्र, बिहार, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, जम्मू और कश्मीर और असम अधिक गेहूं बोने वाले राज्य थे।जबकि, मध्य प्रदेश, झारखंड, पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, पश्चिम बंगाल, उत्तराखंड और कर्नाटक से कम क्षेत्र की सूचना मिली।