लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि, पिछले छह वर्षों में चीनी मिलों के आधुनिकीकरण ने उन्हें “एकीकृत चीनी काम्प्लेक्स” में बदल दिया है। चीनी उद्योग ने उत्तर प्रदेश की तस्वीर बदल दी है, और राज्य देश का सबसे बड़ा चीनी उत्पादक राज्य बनकर उभरा है। राज्य में चीनी उद्योग के 120 साल पूरे होने के अवसर पर एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि, यूपी की चीनी मिलें जो देश में गन्ना और चीनी की सबसे बड़ी उत्पादक हैं, अब प्रधानमंत्री की नीतियों को अपनाने और बड़ी मात्रा में एथेनॉल के उत्पादन के साथ ‘हरित ऊर्जा’ के स्रोत के रूप में पहचानी जा रही हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि, जिस तरह से पिछले कुछ दशकों में चीनी मिलें बंद हो रही थी, किसान हताश थे और 2017 तक पलायन करने के लिए मजबूर थे। आदित्यनाथ ने कहा, पिछले छह वर्षों में, डीबीटी (प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण) के माध्यम से गन्ना किसानों को 1 लाख 97 हजार करोड़ रुपये की राशि का भुगतान किया गया।
उन्होंने कहा कि, आज राज्य में 100 चीनी मिलें हैं, जो खरीद के 10 दिनों के भीतर किसानों को भुगतान कर रही है।उन्होंने इसे एक बड़ा बदलाव बताते हुए बाकी मिलों से भी इसी तरह के प्रयास करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, गन्ना पर्ची की कोई समस्या नहीं है, कमी की शिकायत खत्म हो गई हैं। गन्ना किसानों की संख्या 45 लाख से बढ़कर 60 लाख हो गई है। गन्ने का उत्पादन बढ़ा है और क्षेत्रफल भी बढ़ा है।आदित्यनाथ ने कहा कि जब COVID महामारी के दौरान देश भर में सभी उद्योग बंद थे, तब उत्तर प्रदेश की चीनी मिलें काम कर रही थी।मुख्यमंत्री द्वारा चीनी उद्योग की 120 वर्ष की यात्रा पर आधारित कॉफी टेबल बुक का विमोचन किया गया।