नई दिल्ली : देश की प्रमुख चीनी निर्माता ईआईडी पैरी (इंडिया) ने अपनी एथेनॉल उत्पादन क्षमता का विस्तार करने के लिए 268 करोड़ रुपये खर्च करने की योजना बनाई है। अपनी भविष्य की विकास रणनीति के हिस्से के रूप में, कंपनी हरित ऊर्जा क्षेत्र में उभरती क्षमता का लाभ उठाने के लिए अपने संयंत्रों में एथेनॉल और एक्स्ट्रा न्यूट्रल अल्कोहल (ईएनए) उत्पादन क्षमताओं का विस्तार कर रही है।
द हिन्दू बिजनेस लाइन में प्रकाशित खबर के मुताबिक, कंपनी के प्रबंध निदेशक एस सुरेश के अनुसार, अनाज आधारित आसवनी परियोजना प्रगति पर है और अप्रैल 2023 तक पूरा होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा, आंध्र प्रदेश में संकिली इकाई में, 120 KLPD (किलो लीटर प्रति दिन) मल्टी-फीड डिस्टिलरी यूनिट परियोजना पूरी हो चुकी है और जनवरी 2023 में सिरप-आधारित डिस्टिलरी के लिए उत्पादन शुरू हो गया है।
एस सुरेश ने आगे कहा, हलियाल डिस्टिलरी की क्षमता 50 केएलपीडी से बढ़ाकर 120 केएलपीडी की जा रही है। इसके अलावा, बोर्ड ने हाल ही में नेल्लीकुप्पम सुविधा के 75 केएलपीडी से 120 केएलपीडी तक विस्तार को मंजूरी दी है। एक बार ये विस्तार हो जाने के बाद, हमारी कुल आसवनी क्षमता 582 KLPD हो जाएगी। इन दोनों विस्तारों में 268 करोड़ रुपये का पूंजी परिव्यय शामिल होगा, जो वित्त वर्ष 2024 में खर्च किया जाएगा।
हाल के वर्षों में देश में पेट्रोल के साथ एथेनॉल सम्मिश्रण धीरे-धीरे बढ़ रहा है, और जून 2022 में, भारत ने निर्धारित समय से पांच महीने पहले 10 प्रतिशत एथेनॉल-मिश्रित पेट्रोल की आपूर्ति करने का लक्ष्य हासिल किया। देश का 2025-26 तक सम्मिश्रण को दोगुना करके 20 प्रतिशत करने का लक्ष्य है, जिसके लिए उसे अनुमानित 2.68 बिलियन गैलन या 10.15 बिलियन लीटर एथेनॉल की आवश्यकता होगी।