नई दिल्ली : CareEdge Ratings के रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय चीनी कंपनियों को वित्त वर्ष 2023 में अपने राजस्व में 8-12% की वृद्धि देखने को मिलेगी, जो एथेनॉल सम्मिश्रण लक्ष्य और मूल्य में वृद्धि के साथ-साथ क्षमता में वृद्धि से हासिल हो सकती है।चीनी सीजन 2022-23 में घरेलू चीनी उत्पादन 340 लाख टन अनुमानित है, जो 2021-22 में 358 लाख टन उत्पादन की तुलना में थोड़ा कम है।इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (ISMA) के अनुसार, 45 लाख टन (साल-दर-साल 41% ऊपर) चीनी को एथेनॉल उत्पादन की ओर डायवर्ट किया जायेगा।
केयर एज एडवाइजरी एंड रिसर्च की निदेशक तन्वी शाह ने कहा, चीनी उत्पादन और डिस्टलरी के लिए स्थापित क्षमता में वृद्धि के साथ-साथ एथेनॉल मिश्रण लक्ष्य और मूल्य में वृद्धि से मिलों को काफी फायदा होगा।उन्होंने कहा, चीनी क्षेत्र के प्रति सरकार के निरंतर समर्थन और भारत में एथेनॉल सम्मिश्रण कार्यक्रम को बढ़ावा देने के लिए एथेनॉल उत्पादन की दिशा में बढ़ते लक्ष्य के साथ चीनी क्षेत्र आगे बढ़ रहा है। रिपोर्ट के अनुसार, इस सीजन के लिए चीनी निर्यात कोटा 60 लाख टन निर्धारित किया गया है, जो कि 2020-21 और 2021-22 में क्रमशः 72 लाख टन और 112 लाख टन के निर्यात से कम है। अतिरिक्त चीनी निर्यात कोटा मांग-आपूर्ति परिदृश्य का मूल्यांकन करने के बाद तय किया जाएगा।