नई दिल्ली : 2022-23 सीज़न (अक्टूबर-सितंबर) में चीनी उत्पादन पिछले वर्ष के 35.9 एमटी से 7% घटकर 33.5 मिलियन टन होने का अनुमान है। मुख्य रूप से महाराष्ट्र और कर्नाटक में पिछले साल अक्टूबर के दौरान बेमौसम बारिश से दोनों राज्यों में गन्ने की पैदावार में गिरावट आई है।सबसे बड़े चीनी उत्पादक राज्य महाराष्ट्र ने चीनी के उत्पादन के अनुमान को 9% घटाकर 12.5 मिलियन टन कर दिया है। इस वर्ष कर्नाटक का चीनी उत्पादन 5.5 मीट्रिक टन अनुमानित है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 14% कम है।
उद्योग के सूत्रों ने कहा कि, दूसरे सबसे बड़े उत्पादक उत्तर प्रदेश में चीनी का उत्पादन इस वर्ष लगभग 10 मिलियन टन रहने की उम्मीद है, जो पिछले साल के उत्पादन के लगभग समान है। तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, ओडिशा, गुजरात, बिहार, हरियाणा, गोवा और पंजाब अन्य चीनी उत्पादक राज्य हैं। राष्ट्रीय चीनी महासंघ (एनएसएफ) के प्रबंध निदेशक प्रकाश नाइकनवरे ने कहा की, चालू वर्ष में कम चीनी उत्पादन के परिणामस्वरूप घरेलू कीमतों में बढ़ोतरी की संभावना नहीं है।उन्होंने कहा कि, चीनी की घरेलू मांग सालाना करीब 27 मीट्रिक टन है।
नाइकनवरे ने कहा कि अक्टूबर में बारिश के कारण महाराष्ट्र और कर्नाटक में गन्ने की फसल को पर्याप्त धूप नहीं मिली और इससे दोनों राज्यों में उपज पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा।इस बीच, इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (ISMA) के अनुसार, 2022-23 सीज़न (अक्टूबर-सितंबर) के लिए चीनी उत्पादन लगभग 34 मीट्रिक टन होने का अनुमान है, जिसमें लगभग 4.5 मीट्रिक टन को एथेनॉल के उत्पादन की ओर डायवर्जन शामिल नहीं है।पिछले साल अक्टूबर में, एथेनॉल के लिए 4.5 मीट्रिक टन के डायवर्जन पर विचार करने के बाद, इस्मा ने चीनी उत्पादन 36.5 मीट्रिक टन आंका था, जिसे पिछले महीने नीचे की ओर संशोधित किया गया था।इस्मा ने कहा है कि, पिछले वर्ष 522 मिलों के मुकाबले 15 फरवरी तक लगभग 505 मिलें शुरू थीं।
पेट्रोल के साथ एथेनॉल का सम्मिश्रण पिछले वर्ष में 10% था और 2022-23 में इसके 12% तक बढ़ने की उम्मीद है।आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि, सरकार ने मौजूदा सीजन के लिए स्वीकृत 6 मीट्रिक टन से अधिक चीनी निर्यात की दूसरी किश्त को मंजूरी नहीं देने का फैसला किया है। व्यापार सूत्रों ने पहले अनुमान लगाया था कि सरकार 30 सितंबर, 2023 को समाप्त होने वाले चालू वर्ष में दूसरी किश्त में अतिरिक्त 2-3 मीट्रिक टन चीनी निर्यात की अनुमति देगी।