प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा की कर्नाटक के, सक्करे नगरा मधुर मंड्या के हमारे गन्ना किसानों को दशकों से एक और समस्या का सामना करना पड़ता था। गन्ने की पैदावार ज्यादा हो तो मुसीबत, गन्ना कम पैदा हो तो भी मुसीबत। इस वजह से चीनी मिलों पर गन्ना किसानों का बकाया सालों-साल चलता रहता था।
मोदी एक ने कर्नाटक में एक आयोजना के दौरान कहा की इस समस्या का कोई ना कोई समाधान करना तो जरूरी था। किसानों के हितों को प्राथमिकता देने वाली भाजपा सरकार ने, एक रास्ता चुना एथेनॉल का। हमने तय किया कि गन्ने से बनने वाले एथेनॉल का उत्पादन बढ़ाएंगे। यानि गन्ने की ज्यादा पैदावार होने पर, उससे एथेनॉल बनाया जाएगा, एथेनॉल से किसान की आय सुनिश्चित की जाएगी।
मोदी ने आगे कहा की पिछले वर्ष ही देश की चीनी मिलों ने 20 हज़ार करोड़ रुपए का एथेनॉल तेल कंपनियों को बेचा है। इससे गन्ना किसानों को समय पर भुगतान करने में मदद मिली है। 2013-14 के बाद से लेकर पिछले सीज़न तक 70 हज़ार करोड़ रुपए का एथेनॉल चीनी मिलों से खरीदा गया है। ये पैसा गन्ना किसानों तक पहुंचा है।
इस वर्ष के केंद्र सरकार के बजट में भी किसानों के लिए, विशेष रूप से गन्ना किसानों के लिए अनेक प्रावधान किए गए हैं। Sugar cooperatives के लिए 10 हजार करोड़ रुपए की मदद हो, टैक्स में छूट हो, इससे गन्ना किसानों को लाभ होगा।