चीनी उद्योग के श्रमिकों को 40% वेतन वृद्धि मिलनी चाहिए : नितिन पवार

 

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पुणे: चीनी मंडी

राज्य में चीनी उद्योग के श्रमिकों के अनुबंध की समयसीमा 31 मार्च, 2019 को खत्म हो गई है। महाराष्ट्र राज्य राष्ट्रीय चीनी कामगार महासंघ (इंटक) ने एक अप्रैल 2019 से राज्य में चीनी श्रमिकों के वेतन और सेवा शर्तों को नये सिरे से लागू करने के लिए त्रिपक्षीय समिति का गठन करने की और श्रमिकों को 40% वेतन वृद्धि की मांग की है। महाराष्ट्र राज्य राष्ट्रीय चीनी कामगार महासंघ द्वारा चीनी आयुक्त शेखर गायकवाड़ से वेतन वृद्धि के लिए त्रिपक्षीय समिति के गठन का अनुरोध किया गया है। महासंघ के महासचिव नितिन पवार ने मंगलवार को यह जानकारी दी।

महाराष्ट्र राज्य राष्ट्रीय चीनी कामगार महासंघ के कोषाध्यक्ष दत्तात्रे निमसे, उपाध्यक्ष रामनाथ गरड, संपर्क प्रमुख सुखदेव फुलारी, भाऊसाहेब चौधरी, मच्छिंद्र सालुंखे, संजय राउत, अशोकराव पवार, शिवाजी शिंदे, बीजी म्हस्के, सदाभाऊ दरंदडे, नारायण बर्डे, हरिभाऊ कोलते, दादा दगडखैर, आदिनाथ राजले, प्रसाद गरड, अशोक वाघ आदि उपस्थित थे।

पुणे में चीनी आयुक्त कार्यालय में बोलते हुए, महाराष्ट्र राज्य राष्ट्रीय चीनी कामगार महासंघ के महासचिव नितिन पवार ने कहा, चीनी उद्योग और संयुक्त उद्योग से जुड़े अन्य सभी संयुक्त उद्योगों में सभी प्रकार के श्रमिकों का उनके काम के अनुसार दर्जा / ओहदा तय करना चाहिए। श्रमिकों को उनके ओहदे के हिसाब से न्यूनतम मजदूरी सुनिश्चित करके 1 अप्रैल 2019  से सभी श्रमिकों को मुद्रास्फीति, भत्ता, मासिक और मजदूरी मिलनी चाहिए। इसके अलावा, महाराष्ट्र सरकार के उद्योग, बिजली और श्रम विभाग के आदेश के अनुसार, तय किये गये वेतन के अनुसार, 1 अप्रैल से वेतन अंतर के साथ 40% वेतन वृद्धी भी मिलनी चाहिए।

* चीनी कर्मचारियों की प्रमुख मांगें *

– वर्तमान वेतन में 40% की वृद्धि की जानी चाहिए।

– रोजगार की अवधि के अनुसार अतिरिक्त, ओवरटाइम वेतन वृद्धि मिले।

– अंतिम वेतन करार होने तक 5000 रुपये वेतन वृद्धि होनी चाहिए।

– मकान किराए पर 5 प्रतिशत भत्ता मिले।

– रात्रि भत्ता 50 रुपये किया जाए।

– प्रति माह 400 रु धुलाई भत्ता और 600 रुपये चिकित्सा भत्ता मिलना चाहिए ।

– 500 रुपये प्रति माह शिक्षा भत्ता मिले।

-सरकारी नियमों के अनुसार महिला कामगारों के लिए आरक्षण मिले।

– श्रमिकों को ओहदा और ग्रेड मिले।

– सालाना कम से कम 15 पेड छुट्टियाँ।

– कर्मचारियों के बच्चों को विरासत मे रोजगार के अवसर मिले।

– स्थायी श्रमिकों को साल में 30 दिन, अस्थायी श्रमिकों को 15 दिन के अनुसार ग्रेच्युटी मिलनी चाहिए।

– छुट्टी की स्टोरेज सीमा पांच साल की होनी चाहिए।

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SOURCEChiniMandi

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