कोल्हापूर: सिंचन भवन के बाहर किसानों का धरना जारी रहने के कारण जल संसाधन विभाग पंचगंगा नदी और उसकी सहायक नदियों से सिंचाई के लिए पानी की पंपिंग पर प्रतिबंध लगाने के अपने फैसले को स्थगित करने और उसमें संशोधन करने पर मंगलवार को सहमत हो गया। यह प्रतिबंध अपस्ट्रीम बांधों में पानी के निचले स्तर और शहरी क्षेत्रों में पीने के पानी की बढ़ती मांग को ध्यान में रखते हुए लगाया गया था। इस कदम का किसानों ने विरोध किया, जिन्होंने कहा कि पानी की कमी के कारण उनकी गन्ने की फसल प्रभावित होगी।
विक्रांत पाटिल – किनीकर के नेतृत्व में किसानों के एक प्रतिनिधिमंडल ने कार्यकारी अभियंता रोहित बांदिवडेकर और जल संसाधन विभाग के अधिकारियों से मुलाकात के बाद प्रतिबंध की अवधि को तीन दिनों के तीन चरणों से घटाकर दो दिनों के दो चरणों में करने का निर्णय लिया। यह प्रतिबंध पहले चरण में 30 अप्रैल से 1 मई के बीच और दूसरे चरण में 21 से 22 मई के बीच लगाया जाएगा। विक्रांत पाटिल – किनीकर ने कहा की, चिलचिलाती गर्मी को देखते हुए फसलों को बड़ी मात्रा में पानी की आवश्यकता होती है। अधिकारियों ने हमें आश्वासन दिया है कि प्रतिबंध में बदलाव के संबंध में जल्द ही एक नया आदेश जारी किया जाएगा। बैठक में अधिकारियों व किसानों ने इस बात पर भी चर्चा की कि मानसून आने तक पानी का प्रबंधन कैसे किया जाएगा। अधिकारियों और किसानों ने सहमति व्यक्त की कि मानसून के आगमन में देरी और औसत से कम बारिश की संभावना को ध्यान में रखते हुए पानी का सही तरीके से उपयोग किया जाना चाहिए।