ढाका : ईद-उल-फ़ित्र से ठीक पहले चीनी की मांग में काफी बढ़ोतरी हुई है, देश के चीनी रिफाइनर चीनी कीमतों में फिर से 26 टका (रुपये) प्रति किलोग्राम वृद्धि की मांग कर रहे है। उन्होंने दावा किया कि, प्रस्ताव के पीछे उच्च वैश्विक कीमतें मुख्य कारण है, और खुदरा विक्रेता सरकार द्वारा निर्धारित दरों से बहुत अधिक शुल्क ले रहे है। बांग्लादेश शुगर रिफाइनर्स एसोसिएशन (BSRA) ने हाल ही में अपनी सरकार द्वारा निर्धारित Tk109 की वर्तमान दर से Tk135 प्रति किलोग्राम पर पैक्ड चीनी का अधिकतम खुदरा मूल्य (MRP) तय करके प्रस्ताव पेश किया, जबकि खुली चीनी की MRP Tk104 से एक छलांग में Tk125 किलोग्राम बेचना चाहते है। हालांकि, चीनी कभी भी सरकारी रेट पर बाजार में उपलब्ध नहीं रही।
मंगलवार को खुदरा स्तर पर चीनी की कीमत 10 रुपये बढ़कर 140 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई। एसोसिएशन ने पहले ही वाणिज्य मंत्रालय को उठाए गए कदम के बारे में सूचित करने के लिए एक पत्र भेजा है। एसोसिएशन के अनुसार अंतरराष्ट्रीय बाजार में चीनी की कीमतों में मौजूदा तेजी, बढ़ते बैंक-ऋण ब्याज, जहाज-देरी जुर्माना और रिफाइनरों की उत्पादन लागत को ध्यान में रखते हुए चीनी की नई कीमतें लागू करने के लिए नया प्रस्ताव दिया गया है। 6 अप्रैल, 2023 को, सरकार ने चीनी की बढ़ती कीमतों को रोकने के लिए कीमतों में कटौती की। मंत्रालय की एक अधिसूचना के अनुसार, पैक्ड और खुली चीनी की दरों को क्रमशः Tk109 और Tk104 प्रति किलोग्राम तक कम कर दिया गया था। रिफाइनर्स ने कहा कि, यह बहुत खेदजनक है कि सरकार द्वारा हाल ही में तय की गई कीमत स्वीटनर की मौजूदा उत्पादन लागत से कम थी।
ट्रेडिंग कॉरपोरेशन ऑफ बांग्लादेश (टीसीबी) की दैनिक बाजार समीक्षा के अनुसार, चीनी अभी भी खुदरा बाजारों में 115-120 रुपये प्रति किलोग्राम बिकती है।रिफाइंड चीनी की वार्षिक स्थानीय मांग 2 मिलियन टन से अधिक है, जिसका बड़ा हिस्सा आयात के माध्यम से आता है।बांग्लादेश सालाना 2-2.2 मिलियन टन कच्ची चीनी का आयात करता है। देश में प्रति माह औसतन 150,000 टन चीनी की आवश्यकता होती है। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, रमजान के दौरान चीनी की मांग 300,000 टन है।