पीलीभीत: गन्ना किसानों ने आरोप लगाया कि, जिले की चीनी मिलों का 2022-23 पेराई सीजन खत्म हो चुका है, बावजूद इसके मिलों ने अभी तक 399.20 करोड़ रुपये का भुगतान नहीं किया है। आपको बता दे की, जिले की चार चीनी मिलों में से तीन ने जिले में बंद होने की घोषणा की।
द टाइम्स ऑफ इंडिया में प्रकाशित खबर के मुताबिक, चार मिलों में से, दो निजी हैं, जबकि अन्य दो सहकारी चीनी मिलों को यूपी कोऑपरेटिव शुगर मिल फेडरेशन द्वारा चलाया जाता है। 25 अप्रैल के जिला गन्ना विभाग के नवीनतम आधिकारिक रिकॉर्ड से पता चलता है कि, बजाज मिल के पास सबसे अधिक 272.58 करोड़ रुपये बकाया है। किसानों ने भुगतान में देरी के चलते इस मिल को गन्ने की आपूर्ति करने से इनकार कर दिया।
भारतीय किसान यूनियन (BKU) की जिला अध्यक्ष मनजीत सिंह ने कहा, यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सरकार यूपी गन्ना अधिनियम के तहत गन्ना खरीद विनियमन के अनुसार गन्ने की कीमत के देर से भुगतान पर ब्याज का भुगतान करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता को बनाए रखने में विफल रही। बजाज मिल के अलावा, बीसलपुर सहकारी शुगर मिल पर 43.22 करोड़ रुपये, जबकि पूरनपुर सहकारी शुगर मिल पर 44.87 करोड़ रुपये का भुगतान बकाया है। दोनों सहकारी मिलों ने 23 अप्रैल को पेराई समापन की घोषणा की है। एलएच शुगर मिल पर किसानों को 38.53 करोड़ रुपये बकाया है।