केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने मंगलवार को कहा कि एथेनॉल क्षेत्र का विकास बेहतरीन रहा है जिसने दुनिया के लिए एक तरह का उदाहरण पेश किया है।
केंद्रीय मंत्री ने यह बयान दिल्ली में खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग द्वारा आयोजित एक दिवसीय ‘मक्का से एथेनॉल पर राष्ट्रीय संगोष्ठी’ को संबोधित करते हुए दिया।
उन्होंने कहा कि पिछले नौ वर्षों में, पिछले सीजन के लिए किसानों को 99.9 प्रतिशत से अधिक भुगतान के साथ चीनी क्षेत्र आत्मनिर्भर रहा है।
उन्होंने कहा की अब, एथेनॉल मक्का किसानों को उनकी आय बढ़ाने और गन्ना किसानों की तर्ज पर स्थिरता के साथ विकास लाने में मदद करेगा। हजारों करोड़ रुपये के निवेश से ग्रामीण क्षेत्र में हजारों रोजगार सृजित हुए हैं, जिसने भारतीय अर्थव्यवस्था पर गुणक प्रभाव उत्पन्न किया है। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि एथेनॉल जैसा पर्यावरण के अनुकूल ईंधन प्रधानमंत्री की सर्वोच्च प्राथमिकता सूची में रहा है, जिसके परिणामस्वरूप केवल 2 वर्षों में एथेनॉल सम्मिश्रण दोगुना से अधिक हो गया है और 20 प्रतिशत एथेनॉल सम्मिश्रण का लक्ष्य भी 2030 से 2025 तक कर दिया गया है।
उन्होंने कहा, “समयबद्ध योजना, उद्योग के अनुकूल नीतियां और उद्योग के सहयोग से भारत सरकार के पारदर्शी दृष्टिकोण ने इन उपलब्धियों को एक वास्तविकता बना दिया है।”
गोयल ने किसानों के हितों को हमेशा सर्वोच्च प्राथमिकता पर रखते हुए 20 प्रतिशत एथेनॉल मिश्रण के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए केंद्र सरकार, राज्यों, अनुसंधान संस्थानों, तेल विपणन कंपनियों (ओएमसी) और डिस्टिलरीज के समकालिक प्रयासों की आवश्यकता पर बल दिया।