संगरूर और मालेरकोटला जिलों में गेहूं की अधिक उपज देने वाली नई किस्मों की ओर किसानों को स्थानांतरित करने के कारण गेहूं का उत्पादन पिछले साल के 4,174 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर से बढ़ाकर 5,270 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर हो गया है। लगातार बारिश और ओलावृष्टि के बावजूद उत्पादन में अच्छी बढ़ोतरी हुई है।
कृषि विभाग की ओर से जानकारी दी गई है, कि पिछले साल संगरूर और मालेरकोटला जिले में 77 फीसदी रकबे में किसानों ने एचडी 2967 और एचडी 3086 किस्मों को 77 फीसदी रकबे में बसाया था। किन्तु, इस साल 72 फीसदी क्षेत्र में डीबीडब्ल्यू 222, डीबीडब्ल्यू 187 और डीबीडब्ल्यू 303 सहित नई किस्मों के लिए किसान बसे हुए हैं।
ट्रिब्यून इंडिया में प्रकाशित खबर के मुताबिक, अनाज मंडी में किसान जसवंत सिंह ने बताया कि, “जानकारी मिलने के बाद मैंने अपनी सभी 14 एकड़ जमीन पर कुछ नई गेहूँ की किस्मों की बुवाई की थी। प्रति एकड़ उत्पादन मेरी सोच से कहीं अधिक हुआ है। मुझे लगता है कि, इस साल अधिक उत्पादन देखने के बाद अगले साल नई किस्मों को चुनने वाले किसानों की संख्या में और बढ़ोतरी होगी।”
संगरूर के मुख्य कृषि अधिकारी (सीएओ) श्री हरबंस सिंह ने कहा कि, “किसानों द्वारा गेहूं की नई किस्मों की ओर रुख करने से उन्हें अपना उत्पादन बढ़ाने में काफी मदद मिली है। हालांकि, गेहूं की नई किस्मों ने उत्पादन बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। कई किसानों द्वारा बिना जलाए गेहूँ के पुआल का प्रबंधन अनुकूल है। साथ ही, मौसम ने भी गेहूँ के उत्पादन को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।