किसानों ने गेहूं फसल की थ्रेशिंग के लिए चुना आधुनकि विकल्प

उधमपुर (जम्मू कश्मीर): उधमपुर जिले के दूर-दराज के कम्बल डंगा पंचायत में गेहूं के किसान ट्रैक्टर थ्रेशर के साथ अपनी गेहूं की फसलों को थ्रेशर करने का आधुनिक विकल्प चुन रहे हैं। किसानों ने इस बारे में बताते हुए कहा की, “गेहूं ट्रैक्टर थ्रेशर टाइम और ऊर्जा दोनों बचाता है। साथ ही अधिक कृषि कार्य करने के लिए सुविधा बढ़ाता है”।

आधुनिक तकनीक को लेकर किसानो ने अपना अनुभव साझा करते हुए बताया की, पहले ग्रामीण क्षेत्रों में थ्रेशर मशीन उपलब्ध न होने के कारण सभी किसानो को हाथ से गेहूं की फसल की कूटाई करनी पड़ती थी, जिसमे करीब 9 से 10 दिन लग जाते थे। लेकिन अब थ्रैशर की मदद से गेहूं की फसल को कूटने में दो से तीन घंटे ही लगते है। साथ ही यह कार्य आसानी से और कम समय में हो जाता है।

गेहूं की थ्रेशिंग का काम कम्बल डांगा पंचायत में चलते रहता है। जहां अधिकतर किसान आधुनिक तकनीक की ट्रैक्टर थ्रेशर मशीन की सहायता से आसानी से गेहूं की फसल की कूटाई करते हैं। जम्मू और कश्मीर सरकार की योजना के तहत कृषि क्षेत्र को आधुनिक बनाने के लिए किसानो को यह  ट्रैक्टर-थ्रैशर मशीनें मिलती हैं।

अशोक कुमार जो की कम्बल डांगा पंचायत के एक युवा किसान है, उन्होंने अपनी बात रखते हुए कहा की, “पहले हमे  गेहूं की फसल काटने के दौरान बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ता था, क्योंकि तब हमे यह सभी कटाई के कार्य अपने हाथों से करने होते थे। जिससे बहुत समय लगता जाता था। लेकिन सरकार द्वारा बनाई गई इस आधुनिकीकरण के अभियान से बहुत आसानी होती है”।

जिला उधमपुर की सरपंच पंचायत हलका कम्बल डंगा, शशि पॉल किसानो के लिए ख़ुशी व्यक्त करते हुए कहा की, “इस आधुनिकरण के कारण सभी किसानों का काम आसान होगया है और अब उनका समय भी व्यर्थ नहीं जाता”।

साथ ही शिव पुरुषोत्तम ज्योति (उधमपुर,उपमंडल कृषि अधिकारी) ने यह बताया कि, इस साल हुई बंपर फसल के कारण हमने  किसानों को हाईब्रिड बीज भी दी है।  किंतु इस साल की बेमौसम बारिश के कारन कुछ फसलों को नुकसान हुआ है। (एएनआई)

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