नई दिल्ली: CNBC-TV18 के साथ एक साक्षात्कार में, त्रिवेणी इंजीनियरिंग एंड इंडस्ट्रीज के वाइस चेयरमैन और प्रबंध निदेशक, तरुण साहनी ने स्पष्ट किया कि, बोर्ड ने कंपनी के इंजीनियरिंग सेगमेंट के लिए किसी भी डिमर्जर पर विचार नहीं की है। तरुण साहनी ने स्पष्ट किया कि, त्रिवेणी इंजीनियरिंग एंड इंडस्ट्रीज की अपने इंजीनियरिंग कारोबार को अलग करने की कोई योजना नहीं है।
उन्होंने कहा, बोर्ड ने हमारे किसी भी कारोबार को अलग करने पर विचार नहीं किया है। वास्तव में, हमारे इतिहास में पहली बार हमारा इंजीनियरिंग व्यवसाय PBIT (profit before interest and tax) साल के लिए 100 करोड़ रुपये से ऊपर चला गया, लेकिन डीमर्जर की कोई योजना नहीं है। त्रिवेणी इंजीनियरिंग एंड इंडस्ट्रीज सक्रिय रूप से अपनी एथेनॉल क्षमता का विस्तार करने पर ध्यान केंद्रित कर रही है।
साहनी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि, FY23-24 में, कंपनी को अपनी एथेनॉल उत्पादन क्षमता 21 करोड़ लीटर तक पहुंचने का अनुमान है। FY25 तक त्रिवेणी का लक्ष्य अपनी एथेनॉल क्षमता को 31 करोड़ लीटर तक बढ़ाना है। उन्होनें कहा, यह रणनीतिक निर्णय एथेनॉल उत्पादन की क्षमता का लाभ उठाकर नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में योगदान करने की कंपनी की प्रतिबद्धता के अनुरूप है।