चीनी निर्यात पर रोक लगाने से मिलों को आर्थिक नुकसान: डॉ. कुलकर्णी

सोलापुर: वैश्विक बाजार में चीनी की अच्छी मांग है और कीमत लगातर बढ़ रही है। देश में घरेलू मांग पूरी होने के बाद चीनी अधिशेष रहने की संभावना है, ऐसी स्थिति मे चीनी निर्यात पर रोक से मिलों को आर्थिक नुकसान हो रहा है। जिले के श्रीपुर स्थित पांडुरंग चीनी मिल के कार्यकारी निदेशक डॉ. यशवंत कुलकर्णी ने चीनी के निर्यात पर से प्रतिबंध हटाने की मांग की है।

केंद्र सरकार ने चीनी निर्यात पर प्रतिबंध को एक साल और बढ़ा दिया। देश में चीनी की बढ़ती कीमत पर काबू पाने के लिए 31 अक्टूबर 2023 तक चीनी के निर्यात पर रोक लगा दी गई है। भारत दुनिया में चीनी का दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक है। भारत बांग्लादेश, इंडोनेशिया, मलेशिया, दुबई सहित विभिन्न देशों को चीनी निर्यात करता है।

डॉ. कुलकर्णी ने दावा किया की, चीनी के निर्यात से मिलों की आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ था। मिलों को किसानों को समय पर एफआरपी देना संभव हो सका। अब चीनी निर्यात पर प्रतिबंध से फैक्ट्रियों के लिए आर्थिक संकट पैदा होने की संभावना है। कुलकर्णी ने अगले साल के चीनी निर्यात के लिए अंतरराष्ट्रीय समझौता नहीं होने पर चीनी मिलों पर गंभीर प्रभाव पड़ने की आशंका भी जताई।

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