नई दिल्ली: सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनी बीपीसीएल (BPCL) ने उत्सर्जन को कम करने के लिए एथेनॉल-डीजल मिश्रण मॉडल विकसित किया है।
मिंट में प्रकाशित खबर के अनुसार, कंपनी ने कहा कि, भारत पेट्रोलियम के सस्टेनेबिलिटी एजेंडा और ‘नेट जीरो मिशन’ के अनुरूप, BPCL R&D ने कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए डीजल-एथेनॉल मिश्रण का मॉडल विकसित किया है। यह कदम 2040 के कंपनी के ‘नेट जीरो मिशन’ लक्ष्य के अनुरूप है।कंपनी पेट्रोकेमिकल्स और अन्य उत्पादों के बीच स्थायी विमानन ईंधन पर ध्यान देने के साथ अपने परिचालन में विविधता ला रही है।
कंपनी के अनुसार, बीपीसीएल के अनुसंधान एवं विकास केंद्र ने 164 पेटेंट दायर किए हैं और 87 पेटेंट को कई देशों से मान्यता भी मिली हैं, 17 प्रौद्योगिकियों या उत्पादों का अब तक व्यवसायीकरण किया जा चुका है। बीपीसीएल के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक जी. कृष्णकुमार ने कहा, रचनात्मकता से भरपूर हमारी गतिशील आरएंडडी टीम ने अत्याधुनिक तकनीकों, नवीन उत्पादों और प्रक्रियाओं का सफलतापूर्वक विकास किया है, जिसने न केवल हमारी लाभप्रदता में वृद्धि की है, बल्कि हमारी पर्यावरणीय पदचिह्न (environmental footprint) क्षमता को भी काफी कम कर दिया है। BPCL का R&D कार्बन कैप्चर, हरित हाइड्रोजन, जैव ईंधन, स्वच्छ ईंधन, पेट्रोकेमिकल्स आदि क्षेत्रों में उत्कृष्टता और नवाचार को संचालित करता है।
जी. कृष्णकुमार ने कहा, डिजिटल स्पेस में भी कंपनी ने बड़ी प्रगति की है, इसने दो नई तकनीकों का विकास किया है। जिसमे क्रूड अनुकूलता के लिए ‘के मॉडल’ साथ ही त्वरित और सटीक रीयल-टाइम क्रूड की जांच के लिए ‘BPMARRK’। तेल और गैस क्षेत्र में इस मील के पत्थर को हासिल करने वाली बीपीसीएल वैश्विक स्तर पर एकमात्र कंपनी है। हाल ही में, रिफाइनरी इकाइयों के रियल टाइम निगरानी और अनुकूलन के लिए रिफाइनरी सॉफ्टवेयर व्यवसाय में ग्लोबल लीडर मैसर्स एस्पेन टेक्नोलॉजी इंक (यूएसए) के साथ एक सहयोग समझौता किया गया था।