ब्राजील को वैश्विक बाजार में अधिक चीनी बेचने का मौका

नई दिल्ली : चीनी उद्योग के अधिकारियों ने रॉयटर्स को बताया कि भारतीय मिलों ने निर्यात के लिए अनुमति दी गयी पूरी 6.1 मिलियन टन चीनी भेज दी है। हालांकि, उत्पादन में संभावित गिरावट के कारण 30 सितंबर को समाप्त होने वाले चालू विपणन वर्ष में केंद्र सरकार अतिरिक्त निर्यात की अनुमति देने की संभावना नहीं है। इससे वैश्विक कीमतें बढ़ सकती हैं और शीर्ष उत्पादक ब्राजील को विश्व बाजार में अधिक चीनी बेचने का मौका मिला है।

रॉयटर्स के मुताबिक, नेशनल फेडरेशन ऑफ को ऑपरेटिव शुगर फैक्ट्रीज लिमिटेड के प्रबंध निदेशक प्रकाश नाइकनवरे ने कहा की, मिलों ने पूरी आवंटित मात्रा भेज दी है, और वैश्विक कीमतों के आकर्षक होने के बावजूद निर्यात के लिए चीनी नहीं बची है। डीलरों ने कहा कि, मिलों को 36,500 रुपये की स्थानीय कीमत के मुकाबले विदेशी बिक्री से प्रति टन 50,000 रुपये (604.6 डॉलर) से अधिक मिल रहे थे।

देश ने पिछले 2021-2022 सीज़न में रिकॉर्ड 11 मिलियन टन चीनी का निर्यात किया था, लेकिन उत्पादन में गिरावट के कारण सरकार ने चालू वर्ष में केवल 6.1 मिलियन टन के निर्यात की अनुमति दी। चालू वर्ष में उत्पादन घटकर 32.8 मिलियन टन रहने की संभावना है, जबकि पिछले सीजन में रिकॉर्ड 35.8 मिलियन टन था। भारत मुख्य रूप से इंडोनेशिया, बांग्लादेश, मलेशिया, सूडान, सोमालिया और संयुक्त अरब अमीरात को चीनी निर्यात करता है।

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