सोलापुर : जिले में पेराई सीजन खत्म हुए तीन से चार महीने का समय बीत चुका है। हालांकि, चीनी मिलें अभी भी एफआरपी की पूरी राशि का भुगतान करने में नाकाम रही हैं।अग्रोवन में प्रकाशित खबर के मुताबिक, मई माह के अंत तक के आंकड़ों के अनुसार, जिले की 37 मिलों में से 17 ने एफआरपी की पूरी राशि का भुगतान कर दिया है, लेकिन हकीकत में ऐसा नहीं है।बेसिक रिकवरी के अनुसार जिले की 20 मिलों पर मई माह के अंत में 286 करोड़ रुपए का एफआरपी बकाया है।
चीनी की कम मांग और कीमत में गिरावट के कारण चीनी मिलों द्वारा शत प्रतिशत भुगतान फ़िलहाल मुमकिन नही लगता।कई चीनी मिलें अगला पेराई सीजन शुरू होने तक किश्तों में भुगतान करने की संभावना है।आपको बता दे की, सीजन खत्म होने के बाद एफआरपी का भुगतान करने में मिलों की रफ्तार धीमी हो गई है। देखने में आ रहा है कि फैक्ट्रियां एफआरपी देने से कतरा रही हैं। ऐसे भी संकेत मिल रहे हैं कि, कुछ मिलों को इस सीजन के बकाया का बोझ उठाकर अगला सीजन शुरू करना होगा।ऐसे में गन्ना किसानों को तुरंत एफआरपी राशि मिलना काफी मुश्किल है।इससे गन्ना किसानों को अगले कुछ महिनों तक आर्थिक संकट का सामना करना पड़ सकता है।