नई दिल्ली: सरकारी सूत्रों के मुताबिक, तेल विपणन कंपनियां (OMCs) द्वारा पेट्रोल और डीजल की कीमतें कम करने की संभावना है। कंपनियों ने अपने घाटे की लगभग भरपाई कर ली है और सामान्य स्थिति के करीब पहुंच गई हैं जैसा कि उनके सकारात्मक तिमाही परिणामों से स्पष्ट है। परिणामस्वरूप, उम्मीद है कि कंपनियां पेट्रोल और डीजल की कीमतें कम करेंगी क्योंकि अब उन्हें इन ईंधनों में अंडर-रिकवरी का सामना नहीं करना पड़ेगा।
ANI के रिपोर्ट के मुताबिक, OMCs के अच्छे तिमाही नतीजे हैं और वे एक और अच्छे तिमाही नतीजों की ओर जा रहे हैं। पेट्रोलियम निर्यातक देशों के संगठन (ओपेक) के सदस्यों में से एक द्वारा तेल उत्पादन में कटौती उभरते वैकल्पिक बाजारों के कारण बाजार को प्रभावित नहीं करेगी। पेट्रोलियम और गैस मंत्रालय के एक अधिकारी के मुताबिक, थोड़ा असर होगा लेकिन इतना नहीं क्योंकि बाजार में तेल की पर्याप्त आपूर्ति है।
रविवार को, ओपेक प्लस देशों ने शेष वर्ष के लिए अपने नियोजित तेल उत्पादन कटौती में कोई बदलाव नहीं किया।दुनिया का प्रमुख तेल निर्यातक सऊदी अरब ने भी स्वेच्छा से जुलाई से उत्पादन में और कटौती लागू करने की इच्छा जताई है।हालांकि, सूत्रों का कहना है कि तेल उत्पादकों के इन फैसलों से कच्चे तेल की आपूर्ति में कमी आने की संभावना नहीं है।उन्होंने कहा, बाजार में कच्चे तेल की आपूर्ति में कोई कमी नहीं है। उत्पादन में और कटौती करने के प्रोड्यूसर्स के फैसले का कोई असर नहीं होने की उम्मीद है।
अधिकारियों ने आगे कहा, हमने ईंधन की उपलब्धता की स्थिति को सफलतापूर्वक प्रबंधित किया है। स्थिरता और हरित संक्रमण सफलतापूर्वक किया जा रहा है। आज हमने ग्रीन हाइड्रोजन मिशन पर ओएमसी के साथ बैठक की।अधिकारियों ने आगे कहा कि, 20 प्रतिशत एथेनॉल सम्मिश्रण हासिल करने की सरकार की योजना पटरी पर है।उन्होंने कहा, शुरुआत में कुछ चुनौतियां थीं लेकिन हमने काफी अच्छा प्रबंधन किया।अब, नई तकनीक के साथ, ऑटो कंपनियां इंजन प्रौद्योगिकी में प्रगति के साथ आ रही है।