बारगढ़: केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि, ओडिशा के बारगढ़ जिले में भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड द्वारा स्थापित किया जा रहा एथेनॉल जैव-रिफाइनरी प्लांट हरित विकास और सस्टेनेबल प्रगति को गति देगा। प्लांट स्थल का निरीक्षण करने के बाद मंत्री ने कहा कि, यह प्लांट क्षेत्र के युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करेगा। यह परियोजना की लागत लगभग ₹1,607 करोड़ है।
यह प्लांट पुआल, कचरे और खराब चावल से एथेनॉल का उत्पादन करेगा। यह बरगढ़, संबलपुर, सोनपुर और बलांगीर सहित आसपास के क्षेत्रों में किसानों की आय बढ़ाने में मदद करेगा। उन्होंने कहा कि, क्षेत्र में रोजगार और स्वरोजगार के अवसर सृजित होंगे। यह स्वदेशी रूप से विकसित संयंत्र हरित ईंधन को बढ़ावा देगा। प्रधान ने एक ट्वीट में कहा, बारगढ़ बायो-रिफाइनरी पर तेजी से काम चल रहा है और इसके जल्द ही शुरू होने की उम्मीद है।
उन्होंने कहा, जैसा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कल्पना की थी, बारगढ़ 2जी बायो-रिफाइनरी अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगी, कचरे से धन बनाने को प्रोत्साहन देगी, किसानों की आय और कल्याण को बढ़ावा देगी, बड़े पैमाने पर रोजगार पैदा करेगी, हरित ईंधन के स्वदेशी उत्पादन को बढ़ाएगी और ओडिशा को समृद्धि और आत्मनिर्भरता की ओर ले जाएगी।
बायो-रिफाइनरी में फीडस्टॉक के रूप में चावल के भूसे का उपयोग करके सालाना तीन करोड़ लीटर ईंधन-ग्रेड एथेनॉल का उत्पादन करने की क्षमता होगी। इस प्लांट से बनने वाले एथेनॉल को पेट्रोल में मिलाया जाएगा। प्रधान ने कहा कि, बारगढ़ जिला कृषि प्रधान क्षेत्र है। धान और चावल क्षेत्र की अर्थव्यवस्था के मुख्य स्रोत थे। इसी को ध्यान में रखते हुए मोदी सरकार ने जिले में बायो रिफाइनरी लगाने का निर्णय लिया। बेकार और खराब चावल से बने एथेनॉल से पर्यावरण प्रदूषण कम होगा और किसानों को आर्थिक लाभ मिलेगा।
मंत्री प्रधान ने जिला प्रशासन को इस परियोजना के लिए कुशल मानव संसाधन तैयार करने के लिए क्षेत्रीय सरकारी आईटीआई संस्थानों में प्रौद्योगिकी आधारित नए कौशल पाठ्यक्रम और मॉड्यूल विकसित करने का भी सुझाव दिया।