खाद्य और सार्वजनिक वितरण सचिव ने गेहूं की कीमतों में कमी से उपभोक्ताओं को लाभ सुनिश्चित करने के लिए राज्य अधिकारियों के साथ बैठक की

गेहूं की कीमतों में नरमी लाने और बाजार में सरलता से उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण सचिव श्री संजीव चोपड़ा ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से राज्यों के खाद्य सचिवों से मुलाकात की। बैठक के दौरान दिनांक 12.06.2023 को अधिसूचित गेहूं स्टॉक लिमिट आदेश एवं उसके अनुपालन पर विस्तार से चर्चा की गई। यह बैठक केंद्र द्वारा थोक विक्रेताओं/व्यापारियों, खुदरा विक्रेताओं, बिग चेन खुदरा विक्रेताओं और प्रोसेसर पर लागू गेहूं की स्टॉक सीमा अधिरोपित करने के एक दिन बाद आयोजित हुई है। खुले बाजार में बिक्री योजना (घरेलू)-ओएमएसएस (डी) के तहत गेहूं और चावल को बेचने का भी निर्णय किया गया। इन उपायों का उद्देश्य कीमतों को कम करना और जमाखोरी तथा अटकलों को रोकना था।

केंद्र ने राज्यों को किसी भी प्रकार की अनुचित प्रक्रिया को रोकने और गेहूं की उपलब्धता में पारदर्शिता लाने के लिए थोक विक्रेताओं/व्यापारियों, खुदरा विक्रेताओं, बड़ी श्रृंखला खुदरा विक्रेताओं और प्रोसेसर के पास गेहूं के स्टॉक का खुलासा प्राप्‍त करने के लिए कहा है। खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग के पोर्टल (https://evegoils.nic.in/wsp/login) पर डेटा भरने में सुगमता के लिए स्टॉक जमा करने के संबंध में एक यूजर मैनुअल भी राज्य सरकार के साथ साझा किया गया है। यदि उनके पास स्टॉक निर्धारित सीमा से अधिक है तो उन्हें इस अधिसूचना के जारी होने के 30 दिनों के भीतर इसे निर्धारित स्टॉक सीमा तक लाना होगा।

राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं कि स्टॉक सीमा के अधीन सभी संबंधित संस्थाएं कथित पोर्टल पर प्रत्येक शुक्रवार को नियमित रूप से गेहूं की स्टॉक स्थिति की घोषणा और अद्यतन करें तथा केंद्रीय आदेश तिथि 12.06.2023 के अनुसार स्टॉक सीमा के सख्त अनुपालन के लिए तुरंत निर्देश जारी करें। स्टॉक का खुलासा करने के लिए उपरोक्त संस्थाओं को इस पोर्टल तक एक्सेस प्रदान किया जाएगा और राज्य सरकार के अधिकारियों के पास पोर्टल पर खुलासा किए गए स्टॉक की निगरानी करने की सुविधा होगी।

बैठक के दौरान, केंद्र ने ओएमएसएस (डी) के तहत गेहूं (पहले चरण में 15 एलएमटी गेहूं) और चावल की बिक्री करने के सरकार के निर्णय के बारे में भी जानकारी दी, जिससे उत्पादों के साथ-साथ गेहूं और चावल तथा उनसे निर्मित उत्पादों की बढ़ती कीमतों में और कमी आने की उम्मीद है। उपभोक्ताओं को गेहूं और चावल जैसे खाद्यान्नों की किफायती कीमत पर उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए यह कदम उठाए गए हैं।

(Source: PIB)

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here