बिपरजॉय तूफान ने गुजरात में विनाश की जड़ें छोड़ दी है। तूफान का विनाश राज्य में सभी ओर दिखाई दे रहा है। कच्छ के भुज जिले के मांडवी तहसील के गधसीसा गांव केसर आम और खारेक की प्रमुख खेती के लिए प्रसिद्ध है। इस क्षेत्र के किसानों ने बहा आम और खारेक की फसलों में विशाल नुकसान झेला है।
बिपरजॉय का सबसे अधिक प्रभाव कच्छ और सौराष्ट्र के कुछ हिस्सों में देखा गया। इस चक्रवाती तूफान के कारण राज्य में भारी बारिश के साथ जबरदस्त हवा और गरजना हुई थी ।
बिपरजॉय का प्रभाव इतना तेज था जिसके कारण किसानों को काफी नुकसान झेलना पड रहा है।
तूफान के कारण नुकसान होने वाले किसान विनोद रंगानी ने बताया कि 2001 में आए भुज में भूकंप के बाद से उन्होंने पहली बार कच्छ में केसर आम के पौधे लगाए थे। उन्होंने बताया की, अब मेरे पास 300 आम के पौधे हैं, जिनमें से 22 पौधे पूरी तरह से तूफान के कारण नष्ट हो गए।
खारेक की खेती करने वाले किसान मोहन पारवाड़िया ने कहा कि, उनके पास चार एकड़ जमीन पर खारेक पौधे थे और वे कुछ दिनों में तैयार होने वाले थे, लेकिन तूफान के कारण उनकी फसल का लगभग 30 प्रतिशत नुकसान हुआ है ।
स्थानीय किसान अग्रनी दह्याभाई पटेल ने कहा, हमारा गांव केसर आम की खेती के लिए जाना जाता है। यहां के अधिकांश किसान आम के बागान रखते हैं लेकिन बिपरजॉय तूफान के कारण लगभग 25 से 30 हजार आम के पौधे गिर गए है जिस से सभी किसानों को भारी नुकसान हुआ है।