वाशिंगटन डीसी [US]: अमेरिकी अंतरराष्ट्रीय विकास एजेंसी (USAID) द्वारा जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार, भारत और अमेरिका (US) ने संवेदनशीलता परिवर्तन का सामना करने और भारतीय रेलवे के लक्ष्य को वर्ष 2030 तक शून्य कार्बन उत्सर्जन तक पहुंचाने के लिए मेमोरेंडम ऑफ़ अंडरस्टैंडिंग (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं।
इस समझौते की घोषणा USAID और भारतीय रेलवे द्वारा गुरुवार को की गई थी।
MoU के तहत, दोनों साझी भागीदारों की सामूहिक विशेषज्ञता, संसाधन और नवाचार का उपयोग किया जाएगा ताकि नवीकरणीय ऊर्जा, ऊर्जा कुशलता और ऊर्जा संग्रहण प्रौद्योगिकियों की तात्पर्य से, नेट-शून्य लक्ष्य के साथ संगत किया जा सके, जैसा कि आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार बताया गया है।
USAID और भारतीय रेलवे साथ में सामरिक समाधान विकसित करने का लक्ष्य रखते हैं, जो ऊर्जा कुशलता में सुधार करते हैं, कार्बन फुटप्रिंट को कम करते हैं और रेलवे संचालन के लिए एक हरितांत भविष्य सुनिश्चित करते हैं।
USAID और भारतीय रेलवे साथ मिलकर उन्नत विकास के लिए सतत समाधान विकसित करने का लक्ष्य रखते हैं, जिनसे ऊर्जा कुशलता में सुधार हो, कार्बन प्रभाव को कम किया जाए और रेलवे संचालन के लिए हरित भविष्य सुनिश्चित हो।
USAID के उप प्रशासक इसोबेल कोलमैन और इंडियन रेलवे के बोर्ड सदस्य नवीन गुलाटी ने 14 जून 2023 को इंडियन रेलवे के चेयरमैन और मुख्य कार्यकारी अधिकारी अनिल कुमार लाहोटी के मौजूदगी में एमओयू हस्ताक्षर किया था।
USAID और इंडियन रेलवे के बीच एक लंबी योजनाबद्ध साझेदारी है जिसका मुख्य ध्यान ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन को कम करने, ऊर्जा सुरक्षा को बढ़ावा देने और सतत अभिक्रियाओं को आगे बढ़ाने का का है।
प्रेस रिलीज़ में कहा गया है की, इस साझेदारी में लगभग 1,000 रेलवे स्टेशनों पर सोलर पैनल और ऊर्जा कुशल प्रकाश और उपकरणों की स्थापना की जाएगी। अमेरिका और भारत महंगी और सतत ऊर्जा स्रोतों की ओर अभिप्रेत हो रहे हैं जो आर्थिक विकास को बढ़ावा देते हैं, स्वास्थ्य सेवाओं का समर्थन करते हैं और जलवायु-संयंत्र प्रतिस्थापनों को प्रोत्साहित करते हैं।
मेमोरेंडम ऑफ़ अंडरस्टैंडिंग (MoU) इस सबल जलवायु परिवर्तन और स्वच्छ ऊर्जा साझेदारी को और मजबूती प्रदान करता है, जो राष्ट्रीय और वैश्विक जलवायु लक्ष्यों में योगदान देता है।