प्रदेश के गन्ना आयुक्त एवं निबन्धक, सहकारी गन्ना एवं चीनी मिल समितियाँ द्वारा सहकारी गन्ना समितियों को आर्थिक रूप से मजबूत करने तथा उनके कार्मिकों के मनोबल में अभिवृद्धि हेतु प्रभावशाली कदम उठाते हुए परीक्षण में सक्षम पाई गयी प्रदेश की गन्ना समितियों में उच्चीकृत वेतनमान अनुमन्य किये जाने का अनुमोदन प्रदान किया गया है।
इस सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी देते हुए प्रदेश के निबन्धक, सहकारी गन्ना समितियॉ, उ.प्र, श्री संजय आर. भूसरेड्डी द्वारा बताया गया कि, प्रदेश की सहकारी गन्ना विकास समितियॉ में कार्यरत समिति वेतन भोगी कार्मिकों के आर्थिक हितों में अभिवृद्धि करने तथा उनका मनोबल बढ़ाने और उनकी कार्यकुशलता को निखारने के लिए पारदर्शी प्रक्रिया का पालन कर 12 सहकारी गन्ना समितियों में लागू छठें वेतनमान को उच्चीकृत करते हुए सातवॉ वेतनमान लागू कर दिया गया है। इसके अतिरिक्त कार्मिक हित में 04 ऐसी सहकारी गन्ना समितियां, जो विगत 27 वर्षों से पंचम वेतनमान में थी, को भी छठे वेतनमान में उच्चीकृत करने की स्वीकृति प्रदान कर दी गयी है।
निबन्धक ने बताया कि इससे पूर्व 77 सहकारी गन्ना समितियों को सातवॉ वेतनमान प्रदान किया गया था तथा 12 गन्ना समितियों को इस बार उच्चीकृत वेतनमान प्रदान करने से अब प्रदेश की 89 सहकारी गन्ना विकास समितियों में सातवॉ वेतनमान लागू हो जायेगा। सहकारी गन्ना समितियों के कार्मिकों को उच्चीकृत वेतनमान का लाभ प्रदान करने के लिए गन्ना समितियों की वित्तीय स्थिति के पारदर्शी तरीके से आंकलन हेतु समितियों के वर्ष एवं संचित लाभ, गन्ना विकास अंशदान से प्राप्त हो रही आय एवं उसके सापेक्ष व्यय, अन्य संस्थाओं की देनदारी, सेवानिवृत्त कर्मचारियों की देनदारी, प्रबन्धकीय व्यय में गन्ना मूल्य का व्यावर्तन, अशोध्य एवं पुराने ऋण की वसूली जैसे महत्वपूर्ण बिन्दुओं को सम्मिलित किया गया है।
निबन्धक द्वारा समिति कार्मिकों के आर्थिक हितों में अभिवृद्धि कर उनका मनोबल बढ़ाने के साथ ही कार्मिकों से अपेक्षा भी की है कि, वह विभाग की विश्वसनीयता अक्षुण्य रखने एवं गन्ना समितियों को सुदृढ़ बनाने के उद्देश्य से पूर्ण मनोयोग से अपने दायित्वों का निर्वहन करें।