ढाका : अंतर्राष्ट्रीय मानवतावादी संगठन एक्शन एड (international humanitarian organisation ActionAid ) द्वारा किए गए एक अध्ययन के अनुसार, रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण बांग्लादेश में चीनी की कीमत 60% बढ़ गई है। अध्ययन के मुताबिक, बांग्लादेश में पेट्रोल की कीमतों में 47% बढ़ोतरी हुई। रिपोर्ट से पता चलता है कि, बांग्लादेश में रहने की लागत काफी बढ़ गई है, जिसका प्रभाव हाशिए पर रहने वाले समुदायों पर अधिक पड़ रहा है।
अध्ययन में पाया गया कि, कीमतों में बढ़ोतरी के कारण आम लोगों को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है और वे शिक्षा, पोषण और स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में समझौता करने के लिए मजबूर हैं। एक्शनएड रिपोर्ट इस बात पर जोर देती है कि, बांग्लादेश वर्तमान में जलवायु आपदाओं, रूस-यूक्रेन युद्ध, सीओवीआईडी -19, ऋण तनाव और मुद्रा मूल्यह्रास सहित कई संकटों के मिश्रित प्रभावों का सामना कर रहा है।
एक्शनएड बांग्लादेश की कंट्री डायरेक्टर फराह कबीर ने कहा, ईंधन की कीमत अस्थिरता का सभी क्षेत्रों पर दूरगामी प्रभाव पड़ा है, खासकर भोजन पर, जो महिलाओं और हाशिए पर रहने वाले समुदायों को बड़े पैमाने पर प्रभावित करता है। सर्वेक्षण में भाग लेने वाले 14 देश अफगानिस्तान, बांग्लादेश, डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो (डीआरसी), इथियोपिया, हैती, केन्या, मलावी, म्यांमार, नेपाल, नाइजीरिया, सिएरा लियोन, सोमालीलैंड, जाम्बिया और जिम्बाब्वे थे।