गन्ना फसल में कीटों से बचाव की किसानों को दी जानकारी

बलरामपुर : उत्तर प्रदेश के कई ज़िलों में गन्ने पर कीटों ने हमला बोल दिया है, और किसान इस निपटने की पुरजोर कोशिश में लगे हुए है।गन्ना विभाग और चीनी मिलें भी किसानों की मदद के लिए आगे आई है।

लाइव हिंदुस्तान में प्रकाशित खबर के मुताबिक, बजाज चीनी मिल इटई मैदा में गेंदा सिंह गन्ना प्रजनन एवं अनुसंधान संस्थान सेवरही कुशीनगर से आए कीट-रोग वैज्ञानिक डॉ. विनय मिश्रा एवं पादप रोग वैज्ञानिक डॉ. वाईपी भारती ने मिल परिक्षेत्र में गन्ना फसल का निरीक्षण किया, और किसानों को कीटों से बचाव के उपाय के बारे में जानकारी दी।

डॉ. विनय मिश्रा ने कहा कि, मिल परिक्षेत्र में पिछले कुछ सालों में गन्ना फसल लगातार बढ़ रही है। कुछ क्षेत्रों में पोक्का बोईंग का आंशिक प्रकोप दिख रहा है।इसके रोकथाम लिए किसानों को कॉपर ऑक्सि क्लोराइड 0.2 प्रतिशत अर्थात 100 लीटर पानी में 200 ग्राम दवा घोलकर छिड़काव करें अथवा थायोफिनाईट मिथाइल (कवकनाशी) का छिड़काव करके भी पक्का बोइंग की रोकथाम की जा सकती है।

महाप्रबंधक गन्ना संजीव कुमार शर्मा ने कहा कि, थायोफिनाईट मिथाइल (कवकनाशी) चीनी मिल में उपलब्ध है।इसे किसानों को अनुदान पर दिया जा रहा है। क्षेत्र भ्रमण के उपरांत वैज्ञानिकों ने चीनी मिल स्टाफ को भी प्रशिक्षण दिया।इस दौरान महाप्रबंधक गन्ना संजीव कुमार शर्मा, चीनी मिल के इकाई प्रमुख राकेश यादव, सहायक महाप्रबंधक गन्ना आरएस मिश्रा, विजय कुमार पाण्डेय, बृजेश प्रताप सिंह, रामायन पाण्डेय व गन्ना टीम मौजूद रही।

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